अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉकटर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिख प्रस्तावित कानून को लागू करने की मांग की, जिसके तहत स्वाथ्यकर्मियों और क्लीनिकों पर हिंसा करने की मनाही है।
16 अप्रैल को लिखे पत्र में, आरडीए ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश जारी होने के बावजूद, उनके साथ पूरे देश भर में हिसा की कई वारदातें हुई हैं।
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कोराना वायरस संकट के बाद स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले की सात घटनाएं सामने आई है, जिसमें 15 अप्रैल की मुरादाबाद वाली घटना भी शामिल है। इस घटना में डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ की एक टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था।
आरडीए ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल की एक घटना का भी जिक्र किया, जिसमें 14 अप्रैल को एक रोगी ने कथित रूप से महिला डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार किया था।
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पत्र में लिखा गया है कि स्वास्थ्यकर्मी संक्रमण से नहीं डर रहे हैं बल्कि लोगों द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार से डर रहे हैं।
आरडीए ने कहा, "हम अपनी परवाह किए बगैर लोगों की गंभीर और संक्रामक बीमारी का इलाज करते हैं, लेकिन बदले में रोगियों के संबंधी हमारे साथ हिंसा करते हैं। हम आपसे स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित 'स्वास्थ्य सेवा कार्मिक और नैदानिक प्रतिष्ठान (हिंसा और संपत्ति को नुकसान का निषेध) विधेयक' को लागू करने की मांग करते हैं। "
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