केंद्र सरकार और किसानों के बीच शुक्रवार को विज्ञान भवन में हुई 11 वें दौर की बातचीत अचानक पटरी से उतर गई। बेनतीजा खत्म हुई इस बैठक के बाद आगे की कोई नई डेट जारी नहीं हुई है। इस प्रकार सरकार और किसानों के बीच फिर से गतिरोध उत्पन्न हो गया है। 11 वें दौर की मीटिंग सिर्फ लंच तक चली। काफी देर चले लंचब्रेक के बाद 5 मिनट के लिए मंत्री हाल में आए जरूर, लेकिन किसी मुद्दे पर बात नहीं हो सकी। जिसके बाद किसानों ने हॉल से निकलना शुरू कर दिया। किसानों ने आंदोलन जारी रखने की अपील की है। कृषि मंत्री तोमर ने दो टूक कहा है कि कानूनों में कोई खामी नहीं है और उसे वापस लेने का कोई सवाल नहीं उठता।
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विज्ञान भवन में बैठक खत्म होने के बाद बाहर आए किसान नेता शिवकुमार कक्का ने कहा कि, "आज की बैठक से निराशा हुई। लंच का टाइम होने पर मंत्री अपनी टीम के साथ चले गए। उन्होंने कहा कि आप लोग आपस में चर्चा करिये हम कहीं और चर्चा करने के लिए जाते हैं। दो घंटे से ज्यादा समय तक लंच के बाद मीटिंग शुरू होने का हम किसान नेता इंतजार करते रहे। बाद में मीटिंग खत्म होने की घोषणा हो गई।"
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किसान मजदूर संघर्ष समिति के एसएस पंधेर ने कहा कि मंत्री ने हमें साढ़े तीन घंटे इंतजार करवाया। यह किसानों का अपमान है। जब वह आए, तो उन्होंने हमसे सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा और कहा कि वह बैठकों की प्रक्रिया को समाप्त कर रहे हैं … आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा।
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किसान नेता हरप्रीत सिंह ने आईएएनएस से कहा कि, "लंच से पहले सिर्फ 20-25 मिनट बात हुई। लंच के बाद हम काफी देर तक मंत्रियों का इंतजार करते रहे। जब मंत्री लंच के बाद आए तो उन्होंने 5 मिनट में कह दिया कि हमने कानूनों को होल्ड में करने का जो प्रपोजल दिया है उस पर विचार करिये। इसके आलावा सरकार कुछ नहीं कर सकती। यह कहकर मंत्री मीटिंग से चले गए।"
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किसान नेता बवंत सिंह ने बताया कि, "आज की मीटिंग में गतिरोध खड़ा हो गया। सरकार ने कानूनों को खत्म करने से साफ इनकार किया। हम किसान भी पीछे हटने वाले नहीं हैं। मीटिंग में कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि हमने आपको जो प्रपोजल दिया है उस पर विचार करिए, इससे अच्छा प्रपोजल हमारे पास नहीं है। अगर आपके(किसानों के) पास कोई प्रपोजल हो तो हमें बताएं, सरकार उस पर विचार करेगी।"
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उधर कृषि मंत्री तोमर ने किसानों से कहा, "सरकार आपके सहयोग के लिए आभारी है। कानून में कोई कमी नहीं है। हमने आपके सम्मान में प्रस्ताव दिया था। आप निर्णय नहीं कर सके। आप अगर किसी निर्णय पर पहुंचते है तो सूचित करें। इस पर फिर हम चर्चा करेंगे। आगे की कोई तारीख तय नहीं है।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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