केंद्र की मोदी सरकार ने ‘तेजस एक्सप्रेस’ के बाद अब 150 ट्रेनों और 50 स्टेशनों को भी प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी कर ली है। सरकार ने इसकी कवायद भी शुरू कर दी है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत द्वारा रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव को लिखे गए एक पत्र से यह बात सामने आई है। अमिताभ कांत द्वारा रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि पहले चरण में 150 ट्रेनों के परिचालन का काम निजी संचालकों के हाथों में दिया जाएगा।
Published: 10 Oct 2019, 11:55 AM IST
नीति आयोग के सीईओ ने पत्र में लिखा, “जैसा कि आपको इस बात की सूचना है कि रेलवे को 400 रेलवे स्टेशनों को चुनकर उन्हें विश्वस्तरीय स्टेशन बनाया जाना था। यह प्रतिबद्धता कई सालों से जताई जा रही थी। बावजूद इसके ऐसा नहीं किया जा सका। सिर्फ चंद मामलों को छोड़कर, जहां पर ईपीसी मोड के जरिए काम किया गया था।”
Published: 10 Oct 2019, 11:55 AM IST
पत्र में आगे लिखा गया है, “रेल मंत्री से मैंने विस्तृत बातचीत की है। इस दौरान यह महसूस किया गया कि करीब 50 स्टेशनों के लिए यह काम प्राथमिकता के साथ किया जाना चाहिए। जैसे 6 एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपा गया ठीक उसी तरह सचिव स्तर का एम्पावरड ग्रुप बनाकर यह काम किए जाने की आवश्यकता है।”
Published: 10 Oct 2019, 11:55 AM IST
जिस एम्पावरड ग्रुप का इस पत्र में जिक्र किया गया है उसमें नीति आयोग के सीईओ, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव, शहरी और विकास मंत्रालय के सचिव शामिल हो सकते हैं। रेल मंत्री और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के बीच बातचीत के बाद रेल मंत्रालय ने 150 ट्रनों और 50 स्टेशनों को निजी हाथों में देने का फैसला किया है।
Published: 10 Oct 2019, 11:55 AM IST
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Published: 10 Oct 2019, 11:55 AM IST