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नई राजनीति का दावा करने वाले केजरीवाल करते रहे हैं जाति का इस्तेमाल, अब आशुतोष ने खोला मोर्चा

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी और पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार रहे पूर्व पत्रकार आशुतोष ने आरोप लगाया है कि पिछले चुनावों में पार्टी ने उनके विरोध के बावजूद जमकर उनकी जाति का इस्तेमाल किया था।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

राजनीति को बदलने और नई किस्म की राजनीति करने का दावा कर जनआंदोलन से दिल्ली की सत्ता तक पहुंची आम आदमी पार्टी पर चुनावों में जमकर जाति का इस्तेमाल करने के आरोप लग रहे हैं। आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने पिछले चुनावों में सहूलत के अनुसार अलग-अलग इलाकों में उम्मीदवारों की जाति का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया। पार्टी पर ये आरोप किसी विपक्षी पार्टी ने नहीं, बल्कि अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी और पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार रहे पूर्व पत्रकार आशुतोष ने लगाए हैं।

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पिछले लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक से आप के उम्मीदवार रहे पूर्व पत्रकार आशुतोष ने बुधवार को एक ट्वीट कर आरोप लगाया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में जब उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया, तब जमकर उनकी जाति का इस्तेमाल किया गया था। पार्टी से हाल ही में अलग हुए आशुतोष ने अपने ट्वीट में लिखा, “23 साल के पत्रकारिता जीवन में कभी किसी ने मुझसे मेरी जाति या सरनेम नहीं पूछा। मैं हमेशा अपने नाम से ही जाना जाता रहा, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में मेरे विरोध के बावजूद जमकर मेरे सरनेम का इस्तेमाल किया गया। और मुझे कहा गया कि सर इसके बिना आप जीतोगे कैसे, आपकी जाति के यहां काफी वोट हैं।”

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इस ट्वीट पर विवाद खड़ा होने के बाद आशुतोष ने सफाई दी कि वह अब पार्टी में नहीं हैं और अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके बाद आशुतोष ने बीजेपी को भी आड़े हाथों लिया और ट्वीट किया, “पता चला है कि मेरे ट्वीट पर बीजेपी प्रेस कांफ्रेंस कर रही है। अच्छी बात है। बीजेपी को गंगा मइया में खड़ा होकर, गौ माता को छू कर कहना चाहिये कि वो जाति के आधार पर न तो टिकट देती है और न ही वोट मांगती है। असली 'हिंदू' होंगे तो यह जरूर कहेंगे।”

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गौरतलब है कि एक दिन पहले पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार बनाई गईं आतिशी मर्लेना ने अपने नाम के आखिरी हिस्‍से (मर्लेना) को हटा दिया। मीडिया में ये खबरें आने लगीं कि पार्टी ने उनसे ऐसा करने को कहा है, क्योंकि उनके नाम में मार्लेना शब्द होने से उनके ईसाई होने का आभास होता है। हालांकि, इसपर विवाद खड़ा होने के बाद पार्टी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए सफाई दी कि आतिशी को किसी ने भी नाम के अंतिम हिस्‍से को हटाने के लिए नहीं कहा है। वह हमेशा से आतिशी रही हैं और उनका उपनाम ‘सिंह’ रहा है। मर्लेना बाद में रखा गया नाम है।

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गौरतलब है कि इससे पहले खुद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीलवाल कई बार जनसभाओं में अपनी जाति का उल्लेख कर चुके हैं। विधानसभा चुनाव से पहले दिसंबर 2014 में दिल्ली के नेहरू प्लेस में व्यापारियों की एक सभा में खुद को बनिया बताते हुए केजरीवाल ने व्यापारी वर्ग से दिल्ली में उनकी पार्टी को वोट देने की अपील की थी। उस दौरान केजरीवाल ने कहा था कि वो बनिया हैं और उन्हें धंधा करने आता है। इसके अलावा और कई मौकों पर भी केजरीवाल के ऊपर जाति के इस्तामल के आरोप लगते रहे हैं।

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