जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के बाद, कोलकाता के प्रतिष्ठित कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में रैगिंग की शिकायतें सामने आई हैं, जहां दो स्नातकोत्तर प्रशिक्षुओं (जूनियर रेजिडेंट्स) ने अपने वरिष्ठों द्वारा शारीरिक उत्पीड़न की शिकायत की है।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि दो पीड़ितों में से एक ने यह भी आरोप लगाया है कि पिछले चार महीनों से उसे अत्यधिक शारीरिक और मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप उसे एक मनोवैज्ञानिक से परामर्श लेना पड़ा।
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इस संबंध में मेडिकल कॉलेज अधिकारियों को भी शिकायत दी गई है। मामले की जांच के लिए अधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक बुलाई है। सूत्रों ने कहा कि जूनियर स्नातकोत्तर प्रशिक्षुओं को इस संबंध में मेडिकल कॉलेज अधिकारियों द्वारा सभी आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
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इस घटनाक्रम ने राज्य के शैक्षणिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है - खासकर पिछले साल अगस्त में जादवपुर विश्वविद्यालय के एक नए छात्र की रैगिंग से संबंधित आत्महत्या की पृष्ठभूमि में।
मामले की जांच से पता चला कि विश्वविद्यालय परिसर, विशेषकर छात्रों के छात्रावासों में रैगिंग की समस्या को रोकने में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशानिर्देशों का पालन करने में विश्वविद्यालय अधिकारियों की ओर से घोर लापरवाही हुई थी।
इस मामले में जेयू के कई वर्तमान और पूर्व छात्रों को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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