पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने भारत से पोलियो मार्कर्स खरीदने का फैसला किया है। इससे पहले पाक सरकार चीन से ये पोलियो मार्कर्स खरीद रही थी, लेकिन क्वालिटी बेहद घटिया होने की वजह से चीनी पोलियो मार्कर्स खुद समस्या बनते जा रहे थे। ऐसे में अवाम के दबाव के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई बैठक में उनकी सरकार ने अब भारत से ये पोलियो मार्कर्स खरीदने का फैसला किया है।
Published: undefined
बता दें कि पाकिस्तान ने पहले भारत से ही 80 हजार मार्कर्स खरीदने का समझौता किया था। लेकिन पुलवामा हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना द्वारा पीओके में किए गए एयर स्ट्राइक और उसके बाद जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने से तिलमिलाए पाकिस्तान ने भारत के साथ तमाम तरह के कारोबार पर रोक लगा दिया था। इस रोक में दोनों देशो के बीच दवा व्यापार को भी रखा गया था। इसके बाद आनन-फानन में पाक सरकार ने इन्हें चीन से मंगाने का फैसला ले लिया, लेकिन वह काफी मंहगा पड़ गया।
Published: undefined
पाकिस्तान के पोलियो उन्मूलन अभियान के प्रमुख राणा सफदर के अनुसार चीन से मंगाए गए मार्कर्स न सिर्फ काफी महंगे थे बल्कि उनकी क्वॉलिटी भी बहुत खराब थी। उन्होंने बताया कि असल में पोलियो ड्रॉप के बाद बच्चे कई बार मार्कर लगी उंगली अपने मुंह में रख लेते हैं। इस मामले में भारतीय मार्कर सुरक्षित यानी नॉन टॉक्सिक हैं, लेकिन चीनी मार्कर के साथ ऐसा नहीं है। पाकिस्तान ने कई बार इसकी शिकायत भी चीन सरकार से की, लेकिन गुणवत्ता सुधारने के भरोसे के सिवा कुछ नहीं मिला। अब पाकिस्तान ने इन्हें भारत से खरीदने का फैसला किया है।
Published: undefined
गौरतलब है कि पोलियो मार्कर्स का उपयोग बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने के बाद उंगली पर निशान लगाने के लिए किया जाता है। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने सिर्फ भारत और चीन को पोलियो मार्कर्स के बनाने के लिए अधिकृत कर रखा है। पाकिस्तान के व्यापार पर एकतरफा रोक लगाने से वहां जीवनरक्षक दवाइयों का अकाल पड़ा तो उसमें पोलियो मार्कर्स भी शामिल थे। यहां बता दें कि दुनिया के केवल तीन देशों में पोलियो उन्मूलन नहीं हुआ है। ये देश हैं- पाकिस्तान, नाईजीरिया और अफगानिस्तान। साल 2014 में पाकिस्तान में पोलियो के कुल 306 मामले सामने आए थे। जबकि सिर्फ जून 2019 तक यहां 41 पोलियो केस सामने आ चुके हैं।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined