केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों और नगालैंड के आठ जिलों तथा कुछ अन्य क्षेत्रों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) की अवधि छह और महीने के लिए बढ़ा दी है।
मंत्रालय ने इन दोनों पूर्वोत्तर राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया।
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अफस्पा अशांत क्षेत्रों में काम करने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों को ‘‘सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव’’ के लिए आवश्यक समझे जाने पर तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोली चलाने की व्यापक शक्तियां प्रदान करता है।
सशस्त्र बलों के अभियानों को सुविधाजनक बनाने के लिए अफस्पा के तहत किसी क्षेत्र या जिले को अशांत क्षेत्र के रूप में घोषित किया जाता है।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि केंद्र सरकार ने सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम, 1958 की धारा-3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अरुणाचल प्रदेश में तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों तथा अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले में नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस थानाक्षेत्रों में आने वाले इलाके को एक अप्रैल 2024 से छह माह की अवधि के लिए ‘‘अशांत क्षेत्र’’ के रूप में घोषित किया गया है।
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मंत्रालय ने एक अन्य अधिसूचना में कहा कि केंद्र सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद नगालैंड के आठ जिलों - दिमापुर, नीयूलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिरे, नोक्लाक, फेक और पेरेन - में छह और महीने के लिए अफस्पा को बढ़ाने का निर्णय लिया है।
इसके अलावा राज्य के 21 पुलिस थानाक्षेत्रों के तहत आने वाले इलाकों को भी छह माह की अवधि के लिए ‘‘अशांत क्षेत्र’’ के रूप में घोषित किया गया है।
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