जेएनयू का एक वीडिया सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दिख रहा है कि लाल रंग का जैकेट पहना एक व्यक्ति हरे रंग के जैकेट पहने व्यक्ति को पीट रहा है। इसके बारे में सोशल मीडिया में कहा जा रहा है कि लेफ्ट से जुड़ा व्यक्ति एबीवीपी सदस्य की पिटाई कर रहा है। साथ ही बताया जा रहा है कि यह जेएनयू में 5-6 जनवरी की घटना का वीडियो है। पत्रकार सहित कई लोगों ने इस वीडियो को शेयर किया।
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प्रसार भारती न्यूज सर्विस ने भी अपने टि्वटर अकाउंट से इस वीडियो को शेयर किया और लिखा, “यह वीडियो जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार के बयान का गवाह है कि “जो JNU के शीतकालीन सत्र के लिए पंजीकरण का विरोध कर रहे हैं, वे अकादमिक प्रक्रिया को रोकने के लिए हिंसा के पीछे हैं।” इस वीडियो को एम जगदीश कुमार ने भी रिट्वीट किया है।
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अब इस वीडियो की सच्चाई सामने आ गई है। वीडियो, खबरों और इससे जुड़े तथ्यों की पड़ताल करने वाली वेबसाइट 'ऑल्ट न्यूज' ने यह दावा किया है कि इस वीडियो की सच्चाई बिल्कुल उलट है। सच्चाई यह है कि एबीवीपी के छात्र ने आईसा के छात्र की पिटाई की है।
लेकिन इस वीडियो की सच्चाई जाने बैगर 'प्रसार भारती', जेएनयू के वाइस चांसलर, बीजेपी के नेता और कई पत्रकारों ने भी वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और वह भी गलत जानकारी के साथ? इस वीडियो को पहले पत्रकार सुमित कुमार सिंह ने यही दावा करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने यह भी लिखा कि वामपंथी छात्र जेएनयू में एडमिशन प्रक्रिया को रद्द करना चाहते हैं।
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इसके बाद भी प्रसार भारती के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट किए गए। इसके जरिए ये बताने की कोशिश की गई कि इस वीडियो में हिंसा करने वाले वे लोग हैं जो फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि वामपंथी छात्र संगठन ही दो महीने से ज्यादा समय से फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं। हालांकि 'प्रसार भारती' ने वामपंथी छात्रों के पिटे जाने का जिक्र नहीं किया, लेकिन उनके इस ट्वीट का यही मायने निकाला जा रहा है।
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'प्रसार भारती' के ट्वीट को रीट्वीट जेएनयू वाइस चांसलर प्रो. एम. जगदेश कुमार ने भी किया। हालांकि इसके साथ उन्होंने कोई कमेंट नहीं लिखा। आमतौर पर रीट्वीट करने का मतलब यह है कि वह व्यक्ति इससे प्रभावित है और सहमत भी है।
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इसके बाद 'प्रसार भारती' और पत्रकार सुमित कुमार सिंह के इन ट्वीट को बीजेपी, संघ समर्थकों और कुछ पत्रकारों ने भी रीट्वीट किया। बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय भी इसमें शामिल हैं। 'एबीपी न्यूज' के विकास भदौरिया ने भी इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, 'सावधान- वामपंथियों ने बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड में पहले अराजकता फैलाई, फिर कत्लेआम किया, पश्चिम बंगाल में खूब कत्लेआम किया, साल 2010 में जनता ने अंतिम संस्कार कर दिया। #JNU आखिरी गढ़ बचा है अभी अराजकता फैलाई है कल कत्लेआम की कोशिश होगी। अभी नहीं जागे तो देर हो जाएगी।'
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इन सभी ने इस वीडियो की सच्चाई जाने बगैर ही सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। अब जब इसकी सच्चाई सबके सामने आई है तो इस पर उनकी जुबान बंद है। ‘ऑल्ट न्यूज’ ने इस वीडियो की सच्चाई सबके सामने लाते हुए लिखा है कि लाल जैकेट में दिखाई दे रहा हमलावर एबीवीपी का सदस्य शरवेंदर है। वह स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज यानी एसआईएस में वेस्ट आसियान स्टडीज के पीएचडी का छात्र है। उनकी पहचान की पुष्टि एसआईएस में पढ़ने वाले चार छात्रों ने भी 'ऑल्ट न्यूज' से की। वेबसाइट ने उनकी पुरानी तसवीरों को वीडियो में दिखाई दे रहे चेहरे के साथ भी मिलान किया है।
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एक तस्वीर में शरवेंदर को जेएनयू के वाइस चांसलर एम. जगदेश कुमार और एसआईएस के डीन अश्विनी महापात्रा के साथ भी देखा जा सकता है।
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अब बात उस छात्र की जिसकी पिटाई हुई। 'ऑल्ट न्यूज' ने कई छात्रों से इसकी पुष्टि की कि विवेक पांडेय एमए के पहले साल का छात्र है। विवेक ने इस बात को खारिज कर दिया कि वह एबीवीपी का सदस्य है। उसने कहा, 'वीडियो में जो छात्र लाल स्वेटर पहन रखा है, वह शरवेंदर है। वह वेस्ट एशिया की पढ़ाई कर रहा है...। आप देख सकते हैं कि मैंने हरी शर्ट पहन रखी है। लेकिन वे लोग वीडियो को उल्टी कहानी के साथ वीडियो को सर्कुलेट कर रहे हैं।' उन्होंने इसकी पुष्टि की कि वो आईसा का सदस्य है।
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इस झड़प में जिस दूसरे छात्र पर हमला किया गया वह अभिषेक पांडेय हैं। वो जेएनयू के पूर्व छात्र हैं। वीडियो में अभिषेक जमीन पर गिरते हुए देखे जा सकते हैं जिन्हें बाद में कुछ छात्र उठा रहे हैं। वेबसाइट से बातचीत में अभिषेक ने दावा किया कि जब उन्हें पता चला कि जेएनयू कैंपस में हिंसा भड़की है तो वह छात्रों से मिलने गए थे। उन्होंने कहा, 'उन लोगों ने चाइनीज सेंटर से एक जूनियर का पीछा किया। छात्र नीचे गिर गया और हम उसे बचाने के लिए गए। लेकिन डीन सहित JNUTF के कुछ प्रोफेसरों ने मुझे एक 'बाहरी व्यक्ति' के रूप में टारगेट किया। मैं केवल छात्र को बचाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन मुझ पर हमला हो गया था और मेरे एक दोस्त ने मुझे बाहर निकालने की कोशिश की।' वेबसाइट ने कई छात्रों के हवाले से अभिषेक की पहचान की भी पुष्टि की।
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