मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से अपनी क्षमता और कौशल का उपयोग प्रदेश के लिए करने का आह्वान किया और कहा कि नए परिवर्तनकारी विचारों 'न्यू आइडिया ऑफ चेंज' के लिए तीन पुरस्कार दिए जाएंगे, और राज्य में परिवर्तन तब दिखेगा जब खेतों में किसान धोती में नहीं, जींस में दिखेगा। राजधानी की प्रशासन अकादमी में आईएएस सर्विस मीट 2020 के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा, “देश में मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है, जो विविधताओं से सम्पन्न है और पूरे विश्व में भारत ऐसा देश है, जो विविधताओं से पूर्ण है। इस विविधता को सकारात्मक ऊर्जा में बदलना होगा।”
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उन्होंने आगे कहा, “विविधता में भारत की बराबरी करने वाला देश सिर्फ सोवियत संघ था। आज वह अस्तित्व में नहीं है, क्योंकि उसके पास भारत जैसी सोच-समझ और सहिष्णुता की संस्कृति नहीं थी। यही भारत की पहचान है।”
मुख्यमंत्री ने सेवारत अफसरों से कहा, “जो आईएएस अधिकारी अपनी सेवा यात्रा के मध्य में हैं, जो सेवा पूरी करने वाले हैं, वे चिंतन करें कि मध्यप्रदेश को वे कहां छोड़कर जाना चाहते हैं। जो अधिकारी अपनी सेवा यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं, वे सोचें कि मध्यप्रदेश को कहां देखना चाहते हैं।”
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मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को न्याय देने वाला बताते हुए कहा, “संविधान में उल्लेखित स्वतंत्रता और समानता जैसे मूल्यों की सीमाएं हो सकती हैं, लेकिन न्याय की कोई सीमा नहीं है। यह हर समय और परिस्थिति में दिया जा सकता है। ²ष्टिकोण में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है।”
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नए परिवर्तनकारी विचारों 'न्यू आइडिया ऑफ चेंज' के लिए तीन पुरस्कार देने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए पूर्व मुख्य सचिवों की एक ज्यूरी बनाई जाएगी जो सवरेत्कृष्ट आइडिया चुनेगी।
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मुख्यमंत्री ने कहा, "हर राज्य का अपना प्रोफाईल होता है। सबको मिलकर मध्यप्रदेश का प्रोफाईल बनाना होगा। वर्तमान प्रोफाईल को बदलना होगा। मध्यप्रदेश की नई पहचान बनानी होगी। इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा आर्थिक गतिविधियां उत्पन्न हों।"
उन्होंने कहा कि “प्रौद्योगिकी हर पल बदल रही है। पूरा भारत बदल रहा है। ज्ञान और सूचना के भंडार तक आज जो पहुंच बढ़ी है, वह पहले नहीं थी।”
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कमलनाथ ने कहा कि “मध्यप्रदेश कृषि आधारित अर्थव्यवस्था का प्रदेश है। वर्तमान समय में अधिक उत्पादन की चुनौती है। खाद्यान्न की कमी अब चुनौती नहीं रही। परिवर्तन तब दिखेगा जब धोती-पाजामा पहनने वाला किसान आधुनिक खेती करते हुए जींस और शर्ट वाला किसान बन जाए।”
मुख्य सचिव एस. आर. मोहंती ने आईएएस मीट के आयोजन की पृष्ठभूमि की जानकारी दी। अपर मुख्य सचिव एम. गोपाल रेड्डी, मनोज श्रीवास्तव एवं प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए।
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