भारत में प्लास्टिक की थैलियों के इस्तेमाल को लेकर एक सर्वेक्षण किया गया है। पूरे भारत में आठ लाख से अधिक लोगों को सर्वे में शामिल किया गया। जिनमें से 80 प्रतिशत लोगों का कहना है कि प्लास्टिक की थैलियों को पूरी तरह से पेपर बैग से बदल दिया जाए। यह पर्यावरण के बारे में बढ़ती जागरूकता को प्रदर्शित करता है।
विश्व पेपर बैग दिवस के अवसर पर, न्यूज एग्रीगेटर इनशॉर्ट्स ने बुधवार को प्लास्टिक बैग के विकल्प के रूप में पेपर बैग को अपनाने के प्रति लोगों की जागरूकता और इच्छा को जानने के लिए राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण को सार्वजनिक किया।
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प्लास्टिक प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने और पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को अपनाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रति वर्ष 12 जुलाई को विश्व पेपर बैग दिवस मनाया जाता है।
सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले 85 प्रतिशत लोगों को जानकारी है कि भारत में एकल-उपयोग प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध है। सर्वे के परिणामों से यह भी पता चला कि करीब 79 प्रतिशत लोग जब किराने का सामान और रोजमर्रा की वस्तुओं की खरीदारी के लिए बाहर निकलते हैं तो अपना बैग खुद ले जाते हैं।
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इसके अलावा, सर्वेक्षण में शामिल 46 प्रतिशत लोग दुकानदारों द्वारा प्लास्टिक बैग की पेशकश करने पर सक्रिय रूप से स्वीकार करने से इनकार कर देते हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे खरीदारी करते समय दुकानों द्वारा उपलब्ध कराए गए पेपर बैग के लिए थोड़ी सी राशि का भुगतान करने में सहज हैं, तो 62 प्रतिशत लोगों ने पॉजिटिव जवाब दिया।
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सर्वेक्षण में शामिल लगभग 80 प्रतिशत लोगों का मानना है कि शानदार भविष्य के निर्माण की दिशा में एक कदम के रूप में सभी दुकानों में प्लास्टिक की थैलियों के स्थान पर पेपर बैग का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। सर्वेक्षण के निष्कर्षों से पता चला कि 53 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि प्लास्टिक बैग, पेपर बैग की तुलना में अधिक सुविधाजनक हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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