सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने पहली बार 12 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें जस्टिस चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगाई, जस्टिस मदन भीमराव और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल थे। प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान जजों ने जज लोया केस में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के रवैयै और कामकाज पर सवाल उठाए।
जस्टिस चेलामेश्नवर ने इस मामले में चीफ जस्टिस को दो महीने पहले जो चिट्ठी लिखी थी, उसे उन्होंने सार्वजनिक कर दिया।
Published: 12 Jan 2018, 1:02 PM IST
यह प्रेस वार्ता जस्टिस चेलामेश्वर के घर पर हुई। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस के बाद नंबर दो की हैसियत रखने वाले जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा, “न्यायपालिका के इतिहास में यह घटना ऐतिहासिक है। पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों को सामने आना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक से नहीं चल रहा है।” उन्होंने कहा कि इस बारे में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से बातचीत की, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
Published: 12 Jan 2018, 1:02 PM IST
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा, “कल को कोई यह न कह दे कि हमने अपनी आत्मा बेच दी है।” चारों जजों ने कहा कि जब तक इस संस्था को बचाया नहीं गया तब तक लोकतंत्र को नहीं बचाया जा सकता।
उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट में बहुत कुछ ऐसा हुआ, जो नहीं होना चाहिए था। हमें लगा, हमारी देश के प्रति जवाबदेही है और हमने सीजीआई को मनाने की कोशिश की, लेकिन हमारे प्रयास नाकाम रहे अगर संस्थान को नहीं बचाया गया, लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।”
Published: 12 Jan 2018, 1:02 PM IST
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि हमारे पत्र पर अब राष्ट्र को विचार करना है कि सीजेआई के खिलाफ महाभियोग चलाया जाना चाहिए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन सही से नहीं चल रहा है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात नहीं है कि हमें प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलानी पड़ी है।
जजों के प्रेस कांफ्रेंस के बाद सुप्रीम कोर्ट के वकील केटीएस तुलसी ने कहा, “यह चौंकाने वाला है। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जजों के पास ऐसा कदम उठाने का कोई ठोस कारण होगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके चेहरे पर दर्द साफ झलक रहा था।”
Published: 12 Jan 2018, 1:02 PM IST
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Published: 12 Jan 2018, 1:02 PM IST