गोरखपुर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ का क्षेत्र है। सालों से उनकी पकड़ वहां काफी मजबूत बनी हुई है। लेकिन योगी के प्रदेश की कमान संभालते ही गोरखपुर की पहचान ही बदल गई। अब इस जिले को योगी से नहीं बल्कि सरकारी अस्पताल में नवजातों की बड़ी तादाद में होने वाली मौत की वजह से जाना जाने लगा है।
इस साल अगस्त में लापरवाही से हुई मासूमों की मौत को लेकर सुर्खियों में रहा गोरखपुर का बाबा राघव दास (बीआरडी) अस्पताल एक बार फिर चर्चा में आ गया है। यहां अभी भी मासूमों की मौत का सिलसिला जारी है। महज 48 घंटों के दौरान अस्पताल में करीब 30 नवजात बच्चों की मौत हो गई। कॉलेज के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ डीके श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टी करते हुए बताया कि 48 घंटे में अस्पताल में भर्ती 30 बच्चों की मौत हो गई है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 1 नवंबर से 4 नवंबर के बीच अस्पताल में भर्ती 58 बच्चों की मौत हुई है। जिनमें से 32 बच्चों की उम्र 1 महीने से कम थी। जबकि अन्य 26 बच्चे 1 महीने से ज्यादा उम्र के थे। कहा जा रहा है कि इन बच्चों की मौत इंसेफेलाइटिस की वजह से हुई है। हालांकि, कॉलेज प्रशासन का दावा है कि इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों में यहां कमी आई है।
Published: undefined
ताजा मामले में मरने वाले नवजात बच्चों में 15 की उम्र 1 महीने से कम थी, जबकि 6 बच्चे एक महीने से ज्यादा उम्र के थे। इन सबकी मौत इन्सेफेलाइटिस की वजह से हुई है। बाकी अन्य की मौत दूसरी वजहों से हुई है। मिली जानकारी के अनुसार, अस्पताल के बालरोग विभाग में बीते चार दिनों के दौरान करीब 55 बच्चों की मौत हुई है। इसमें से 30 की मौत नियोनैटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) में हुई। जानकारी के अनुसार 1 से 3 नवंबर के दौरान एनआईसीयू में कुल 65 बच्चे भर्ती हुए थे। जिनमें से 22 की मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि अन्य संस्थानों की एनआईसीयू में भी मौतों का आंकड़ा 30 से 50 फीसदी तक है।
Published: undefined
इसी साल 10-11 अगस्त की रात अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने से 36 बच्चों समेत 68 मरीजों की मौत हो गई थी। इस हादसे ने देश भर में सुर्खियां बनाई थी। जिसके बाद खानापूर्ति के नाम पर अस्पताल से जुड़े कुछ डॉक्टरों पर कार्रवाई भी की गई थी। लेकिन इतने बड़े हादसे के बावजूद अस्पताल की लापरवाही जारी है और यहां मौतों का सिलसिला कई महीनों से लगातार जस के तस है। अस्पताल के सिर्फ बालरोग विभाग में इस साल अगस्त तक 1500 से ज्यादा बच्चो की मौत हो चुकी है। बीआरडी अस्पताल में जनवरी 2017 से अगस्त 2017 तक कुल 6264 बच्चों को एडमिट कराया गया था। इसमें से 1527 की मौत हो गई। जबकि 2016 में जनवरी से दिसंबर तक यहां बच्चों की मौत का आंकड़ा 2729 था।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined