सुप्रीम कोर्ट के 100 वरिष्ठ वकीलों ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन से अपील की है कि वह असाधारण बैठक बुलाकर सरकार के उस फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पास करे जिसमें जस्टिस के एम जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को रोक दिया गया है।
एसोसिएशन के सचिव विक्रांत यादव को लिखे पत्र में वकीलों ने कहा है कि, “सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और उसके सदस्य इस बात से नाराज और आक्रोशित हैं कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कोलीजियम की सिफारिशों में से मन-मर्जी भेद किया। ऐसे में हम राष्ट्रपति से अपील करते हैं कि वे दोनों ही माननीय जजों की नियुक्ति के लिए तत्काल आदेश जारी कर दें।”
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट कोलीजियम ने वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा और उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए सिफारिश की थी। लेकिन, सरकार ने जस्टिस जोसेफ के नाम को अनदेखा करते हुए सिर्फ इंदु मल्होत्रा के नाम को ही मंजूरी दी। यहां ध्यान देने की बात यह है कि मौजूदा नियमों के मुताबिक या तो कोलीजियम की सिफारिश में भेजे गए सभी नामों को सरकार मंजूर करती है या फिर सभी नामों को खारिज करती है। नियमानुसार सिफारिश में से नामों को चुना नहीं जा सकता।
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लेकिन इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में दोफाड़ नजर आ रहा है। इतना ही नहीं मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ आए महाभियोग प्रस्ताव पर भी एससीबीए में मतभेद सामने आए हैं।
नेशनल हेरल्ड से बातचीत में कई वकीलों ने सरकार के इस कदम को बदले की भावना करार दिया है। उनका कहना है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के साथ खिलवाड़ कर रही है, ऐसे में न्यायपालिका की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर चिंता है।
वकीलों ने जो प्रस्ताव दिया है उसपर वरिष्ठ वकील चंद्र उदय सिंह, विवेक तन्खा, इंदिरा जयसिंग, अरविंद दातर, ए सिराजुद्दीन, हुजैफा अहमदी, जयंत भूषण, हरिन पी रावल और पल्लवी सिसोदिया जैसे वकीलों ने दस्तखत किए हैं।
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