खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली है कि अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने इस महीने के अंत में 'पंजाब बंद' का आह्वान किया है, जिसके बाद अलर्ट जारी किया गया है।खालिस्तान समर्थक समूह एसएफजे को अलगाववादी नीतियों के कारण पिछले साल जुलाई में गृह मंत्रालय द्वारा गैरकानूनी घोषित किया गया था।
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समूह ने अपने एक हालिया संदेश के जरिए दिलावर सिंह की 25वीं पुण्यतिथि मनाने के लिए 31 अगस्त को 'पंजाब बंद' का आह्वान किया है। दिलावर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का हत्यारा है। कांग्रेस नेता बेअंत सिंह 1992 से 1995 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे थे। 31 अगस्त, 1995 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को चंडीगढ़ के केंद्रीय सचिवालय के बाहर एक बम धमाके में उड़ा दिया गया था। उनके साथ इस आतंकी हमले में 16 अन्य लोगों की जान भी गई थी। इस हमले में पंजाब पुलिस के कर्मचारी दिलावर सिंह ने मानव बम की भूमिका निभाई थी।
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एसएफजे ने अपने बंद के आह्वान में अमृतसर से उन सिखों की वापसी यात्रा के लिए यात्रा खर्च की प्रतिपूर्ति की पेशकश की है, जो 31 अगस्त को अकाल तख्त में अरदास करेंगे। इस पर एक हाई अलर्ट जारी किया गया है और पंजाब पुलिस को राज्य में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पूर्ण व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। न्यूयॉर्क में रहने वाले एसएफजे के मुख्य प्रचारक और वकील गुरपतवंत पन्नू ने 'बंद' का आह्वान किया है।
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पन्नू ने अपनी अपील में उल्लेख किया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने 2012 में ज्ञानी गुरबचन सिंह को अकाल तख्त का जत्थेदार नियुक्त किया, जिन्होंने बेअंत सिंह के हत्यारे दिलावर सिंह को 'कौमी शहीद' घोषित किया था। समूह ने 31 अगस्त को अकाल तख्त अरदास में शामिल होने की इच्छा रखने वाले पंजाब के सिखों को नमन करते हुए सेवा देने की गुजारिश की है।
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