गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही किला फतह करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात नवसृजन यात्रा के बाद फिर से गुजरात दौरे पर जा रहे हैं। राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे के दौरान दलित शक्ति केन्द्र का भी दौरा करेंगे और दलित शक्ति केन्द्र पर राहुल गांधी राष्ट्रीय ध्वज को पूरे सम्मान के साथ स्वीकार करेंगे। साथ ही राहुल गांधी भारत को छुआ छूत जैसी कुप्रथाओं से मुक्त करने के लिए शपथ लेंगे।
Published: 23 Nov 2017, 3:57 PM IST
पहले दलित केन्द्र ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को राष्ट्रीय ध्वज पेश देने का पेश किया था और उन्हें बाबा साहेब की तरह छुआ छूत प्रथाओं को खत्म करने की शपथ लेने के लिए कहा था। लेकिन उस समय मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने इस राष्ट्रीय ध्वज को लेने से इंकार कर दिया था। गुजरात के सीएम की ओर से गांधीनगर कलेक्ट्रेट के अधिकारियों ने कहा था कि उनके पास राष्ट्रीय ध्वज रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, इसलिए मुख्यमंत्री इस ध्वज को नहीं ले सकते हैं।
दलित शक्ति केंद्र के मुताबिक ये भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज है, जो 125 फुट चौड़ा और 83.3 फुट ऊंचा है।
गुजरात में 7 फीसदी दलित मतदाता हैं। राज्य की 182 सीटों में से 13 सीटें अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं। दलित नेता जिग्नेश मेवाणी बीजेपी के खिलाफ गुजरात में मोर्चे पर हैं और कांग्रेस को अपना समर्थन दे चुके है। उन्होंने अहमदाबाद के ओधाव औद्योगिक क्षेत्र में राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “हमें अंबेडकर के नाम पर गर्व है और बीजेपी की सरकार दलित, गरीब और संविधान विरोधी हैं।”
राहुल गांधी का एक राजनेता के तौर पर दलित केंद्र जाना और राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार करना एक ऐतिहासिक कदम है। और यह उन लोगों के लिए सबक है जो लोग एंटी-नेशनलिज्म को बढ़ावा भी देते हैं और राष्ट्रीय सम्मान का अपमान भी करते हैं।
Published: 23 Nov 2017, 3:57 PM IST
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Published: 23 Nov 2017, 3:57 PM IST