कांग्रेस ने आंकड़े पेश करते हुए कहा है कि गुजरात सरकार अडानी और एस्सार समेत कई निजी बिजली कंपनियों ने दस गुना दाम पर बिजली खरीदकर चंपू पूंजीवाद यानी क्रोनी कैपिटलिज्म को बढ़ावा दे रही है।
Published: 30 Nov 2017, 11:11 PM IST
बता दें कि गुजरात की बीजेपी सरकार पिछले कई वर्षों से निजी बिजली कंपनियों से दस गुना दामों पर बिजली खरीद रही है। 2002 से 2016 के बीच बीते 14 वर्षों में गुजरात ने चार निजी कंपनियों से ₹62,549 करोड़ की बिजली खरीदी है। इन कंपनियों में अडानी समूह की कंपनी भी शामिल है। इतना ही नहीं गुजरात सरकार ने सरकारी बिजली कंपनियों के उत्पादन में भी करीब 70 फीसदी तक की कमी कर दी है, जिससे निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा सके। यह आरोप गुरुवार को कांग्रेस ने आंकड़ों के साथ अहमदाबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस में लगाए।
Published: 30 Nov 2017, 11:11 PM IST
कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि वह चंपू पूंजीवाद यानी क्रोनी कैपिटलिज्म को बढ़ावा दे रही है। कांग्रेस प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी रंदीप सुरजेवाला ने अहमदाबाद में कहा कि निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए बीजेपी सरकार उनसे ₹25.67 प्रति यूनिट बिजली खरीद रही है, जबकि सरकारी एनटीपीसी मात्र ₹2.88 से 3.17 प्रति यूनिट बिजली देती है।
Published: 30 Nov 2017, 11:11 PM IST
कांग्रेस का आरोप है कि नरेंद्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए इन निजी कंपनियों को जबरदस्त फायदा पहुंचाया गया। सुरजेवाला ने कहा कि जिन चार निजी कंपनियों से गुजरात सरकार ने बिजली खरीदी उनमें एस्सार, अडानी, टाटा और चाइना लाइट की कंपनियां हैं। उन चारों में से सबसे ज्यादा फायदा अडानी समूह की कंपनी को हुआ जिससे गुजरात सरकार ने सिर्फ तीन साल में ही ₹10,896 करोड़ की बिजली खरीदी। सुरजेवाला ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि 2013-14 में ₹3471 करोड़, 2014-15 में ₹3583 करोड़ और 2015-16 में ₹3842 करोड़ की बिजली खरीदी गई।
Published: 30 Nov 2017, 11:11 PM IST
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी बिजली कंपनियों का उत्पादन घटा दिया गया। इसे राज्य की बिजली संरचना में पद्धतीय कमी बताते हुए कांग्रेस ने कहा कि गुजरात सरकार के पॉवर प्लांट की क्षमता 8,641 मेगावाट होने के बावजूद वहां बीते तीन साल में सिर्फ 33 से 38 फीसदी तक ही उत्पादन किया गया।
Published: 30 Nov 2017, 11:11 PM IST
सुरजेवाला ने कहा कि इन तीन सालों (2013-14 से 2015-16) में चारों निजी कंपनियों से कुल ₹ 26,195 करोड़ की बिजली खरीदी गई। इनमें से अडानी समूह से ₹ 10,896 करोड़, एस्सार से ₹ 4,842 करोड़, टाटा से ₹ 8,491 करोड़ और चाइना लाइट से ₹ 1,966 करोड़ की बिजली खरीदी गयी।
Published: 30 Nov 2017, 11:11 PM IST
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी 1 दिसंबर को ट्वीट कर 2002 से 2016 के बीच गुजरात में सरकारी कंपनियों की जगह 4 प्राइवेट कंपनियों से मंहगी बिजली खरीदने पर पीएम मोदी से जवाब मांगा। राहुल ने अपने ट्वीट में लिखा, ''साल 2002-16 के बीच 62,549 करोड़ रूपये की बिजली खरीद कर सरकार ने 4 निजी कंपनियों की जेब क्यों भरी? साथ ही इसी दौरान सरकारी बिजली कंपनियों की क्षमता 62 फीसदी तक घटाकर निजी कंपनियों से 3 रूपए प्रति यूनिट में मिलने वाली बिजली 24 रूपए प्रति यूनिट तक की दर से क्यों खरीदी गई?'' गुजरात चुनाव अभियान के तहत राहुल हर दिन पीएम मोदी से एक सवाल पूछ रहे हैं। रोज एक ट्वीट कर वे गुजरात की स्थिति पर पीएम से सवालकर रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को अपने तीसरे सवाल में उन्होंने निजी कंपनियों से मंहगे दर पर बिजली खरीदने का भी मुद्दा उठाया।
Published: 30 Nov 2017, 11:11 PM IST
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Published: 30 Nov 2017, 11:11 PM IST