कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी पर देश में लोकतंत्र को मजबूत करने वाली हर संस्था को कमजोर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि रिश्वतखोरी, खरीद-फरोख्त, प्रलोभन और लालच बीजेपी की कार्यशैली का हिस्सा है। इन सबके बिना बीजेपी चल ही नहीं सकती है। उन्होंने कहा, “बीजेपी एक-एक कर हर उस संस्था को कमजोर कर रही है जिससे लोकतंत्र को मजबूती मिलती है।”
ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 22 नवंबर को उत्तरप्रदेश के निकाय चुनाव के पहले चरण में कई जगहों पर ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी पाई गई। इनमें से कुछ मशीनों पर तो कोई भी बटन दबाने पर वोट बीजेपी को जाने की बात सामने आई है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आगामी गुजरात चुनाव में इस तरह की गड़बड़ी को लेकर किसी भी भ्रम की स्थिति को समाप्त करने के लिए चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट के किसी कार्यरत जज या किसी सेवानिवृत्त जज से सभी ईवीएम मशीनों की जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे लोगों का ईवीएम मशीनों पर विश्वास बढ़ेगा और तभी निष्पक्ष एवं स्वतंत्र तरीके से चुनाव हो पाएगा।
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सिंघवी ने गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल द्वारा बीजेपी पर लगाए पैसे का लालच देने के आरोप का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि बुधवार को अपनी प्रेस कांफ्रेंस में हार्दिक ने साफ तौर पर कहा कि उऩ्हें गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के मुख्य प्रधान सचिव के कैलाशनाथन ने 1200 करोड़ रुपये का प्रलोभन दिया था। उन्होंने कहा कि बीजेपी द्वारा इस तरह के प्रलोभन देने का यह कोई इकलौता मामला नहीं है। बीजेपी पैसे और ताकत के दम पर राजनैतिक समर्थन हासिल करती रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पहले गुजरात में हुए राज्यसभा चुनावों में भी विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात खुलकर सामने आई थी। यही नहीं हाल ही में मेहसाना पाटीदार आंदोलन समिति के संयोजक नरेंद्र पटेल को भी बीजेपी की तरफ से पैसे देने की पेशकश का खुलासा हुआ था।
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सिंघवी ने आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्र सरकार की अति सक्रिय जांच एजेंसियों ने इन मामलों में कुछ नहीं किया बल्कि पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है। सिंघवी ने सभी मामलों की निष्पक्ष जांच और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री विजय रुपाणी समेत गुजरात के बीजेपी अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
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