पिछले करीब 4 महीनों से विवादों में घिरी दीपिका पादुकोण, रनवीर सिंह और शाहिद कपूर अभिनीत संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत के रिलीज की तारीख को लेकर सारी शंकाएं खत्म हो गई हैं। फिल्म निर्देश संजय लीला भंसाली और निर्माता वायाकॉम 18 मोशन पिक्चर्स ने तारीख की पुष्टि की है। इनका कहना है कि फिल्म को दुनिया भर में एक साथ आईमैक्स 3 डी में रिलीज किया जाएगा। फिल्म तीन भाषाओं- हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज की जाएगी।
पद्मावत पर पिछले काफी समय से विवाद हो रहा है। हालांकि, शनिवार को ही सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को बिना किसी कट के रिलीज करने की बात कही थी। मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान सरकार ने अपने यहां फिल्म को रिलीज करने से इनकार कर दिया है। लेकिन एक और बीजेपी शासित राज्य हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने फिल्म पर रोक लगाने से मना कर दिया है।
यह फिल्म जब से बननी शुरू हुई तभी से राजस्थान में इसके रिलीज को लेकर संशय था। राजपूत करणी सेना के विरोधी सुरों में राज्य सरकार ने सुर में सुर मिलाए थे। अब सेंसर बोर्ड से पास होने, कई कट लगने और नाम बदलने के बाद भी राजस्थान सरकार इस फिल्म की रिलीज को तैयार नहीं है। राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि राजस्थान में पद्मावत रिलीज नहीं होगी। इससे पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर कहा था कि वह पद्मावती विवाद में हस्तक्षेप करें।
राजस्थान के बाद गुजरात सरकार ने भी इस फिल्म को रिलीज न करने का फैसला लिया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि संजय लीला भंसाली की पद्मावत गुजरात में रिलीज नहीं की जाएगी। एक टीवी चैनल से बातचीत में रूपाणी ने कहा कि यह कानून-व्यवस्था से जुड़ा मामला है और मौजूदा हालात में फिल्म को गुजरात में रिलीज नहीं किया जाएगा।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ऐलान किया है कि यह कानून-व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा है इसलिए इस फिल्म को मध्य प्रदेश में रिलीज नहीं किया जा सकता।
लेकिन एक अन्य बीजेपी शासित राज्य गोवा में सरकार को तैयार है, लेकिन पुलिस ने पद्मावत रिलीज न करने की बात कही। इसको लेकर पुलिस ने राज्य सरकार को पत्र लिखा। इस पर मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि कानून-व्यवस्था ठीक रखने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। पर्रिकर ने कहा कि अगर फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल गया है तो उसकी रिलीज रोकी नहीं जाएगी।
लेकिन योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली बीजेपी की उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले में अभी चुप है। जब इस फिल्म का विवाद अपने चरम पर था तब योगी सरकार ने कहा था कि यह फिल्म ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने वाली है, लिहाजा इसे रिलीज न करना ही सही फैसला होगा। लेकिन जब नाम बदलने के बाद यह फिल्म सेंसर बोर्ड से पास हो चुकी है तो उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से इस पर कोई बयान अब तक नहीं आया।
दरअसल राजस्थान में करणी सेना, बीजेपी नेताओं और हिंदूवादी संगठनों ने इस फिल्म को लेकर इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाया। राजपूत करणी सेना का मानना है कि
इस फिल्म में रानी पद्मिनी और खिलजी के बीच सीन फिल्माए जाने से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची। फिल्म में रानी पद्मावती को भी घूमर नृत्य करते दिखाया गया है। जबकि राजपूत राजघरानों में रानियां घूमर नहीं करती थीं।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined