अभिनेत्री रानी मुखर्जी 21 मार्च को 40 साल की हो गईं। उन्होंने कहा कि शोबिज की दुनिया में बतौर महिला उनका सफर भेदभावपूर्ण रूढ़िवादी सोच से लगातार संघर्ष करने के बारे में रहा है। 4 साल बाद बड़े पर्दे पर फिल्म ‘हिचकी’ से वापसी कर रहीं रानी ने अपने जन्मदिन पर दिल को छू लेने वाला एक पत्र लिखा। अपने सफर के अलावा उन्होंने उन बाधाओं, अड़चनों पर प्रकाश डाला, जिसका दूसरी महिला कलाकारों को फिल्म उद्योग में सामना करना पड़ता है।
रानी मुखर्जी ने यह भी कहा कि कैसे अभिनेत्रियों पर हमेशा सबकी नजरें होती हैं और उनके लुक, आवाज, नृत्य कौशल को लेकर जज किया जाता है। उन्होंने कहा कि अपने जन्मदिन पर वह वह इन बड़ी ‘हिचकी’ का जिक्र करना नहीं छोड़ सकतीं, जिसका सामना उन्हें और उनकी साथी अभिनेत्रियों को करना पड़ा है।
लैंगिकता रूढ़िवादी धारणा का जवाब उन्होंने शादी और मातृत्व के बाद फिल्मों में वापसी कर दिया है। रानी ने कहा, “आपसे वादा करती हूं कि मैं काम करना और अपनी सभी खूबसूरत, दयालु, प्रतिभाशाली साथी अभिनेत्रियों के साथ रूढ़िवादी धारणाओं के खिलाफ लड़ना जारी रखूंगी और हमारे समाज और फिल्म उद्योग को आगे परिपक्व होते देखने की उम्मीद करती हूं।”
उन्होंने कहा, “एक महिला के तौर पर मैं यह स्वीकार करती हूं कि यह एक आसान सफर नहीं रहा है। मुझे हर रोज खुद को साबित करना पड़ा है। अभिनेत्रियों को खुद को हर रोज साबित करना पड़ता है।”
उन्होंने फिल्म उद्योग में लैंगिक असमानता और पहले से कायम धारणाओं के बारे में भी जिक्र किया। रानी ने कहा, “एक महिला का छोटी अवधि का करियर होता है, एक शादीशुदा महिला की समानता मर जाती है। महिला प्रधान (मैं इस शब्द से नफरत करती हूं) फिल्में एक बड़ा जोखिम होती हैं।”
रानी मुखर्जी ने कहा कि एक महिला के लिए पुरुष के साथ असमानता फिल्म उद्योग में बड़े पैमाने पर होता है और यह साफ नजर आता है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि बदलाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि वह बेहतरी के लिए बदलाव होता देख सकती हैं और यह बात उन्हें खुशी से भर देती है। यह उनके सफर और करियर को सार्थक बना देती है।
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