उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद मतगणना से ठीक पहले वाराणसी में इवीएम ले जाती गाड़ी पकड़े जाने के बाद प्रदेश का सियासी माहौल गरमा उठा है। ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की आशंका ने सपा के दिग्गज नेताओं की नींद उड़ा दी है। पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव के आहवान के बाद कार्यकर्ताओं ने आधी रात को प्रदेश भर के स्ट्रांग रूम की घेराबंदी शुरू कर दी। एकाएक डे—नाइट शिफ्ट में इवीएम की निगरानी करने वाले कार्यकर्ताओं की संख्या बढ गई। भजन कीर्तन शुरू हो गए तो कहीं अधिकारियों का घेराव किया गया। स्ट्रांग रूम के आस पास किसी भी हलचल को शक की निगाह से देखा जा रहा है।
आगरा, कानपुर, कन्नौज, मुरादाबाद, लखीमपुर, रायबरेली, संभल, अलीगढ, कासगंज, बांदा, बरेली, गोंडा में बड़ी सख्या में सपा कार्यकता स्ट्रांग रूम के बाहर पहुंचे। जब ले वोट गिनाई ना, तब ले कोई ढिलाई ना, यूपी में ई बा...। कार्यकर्ताओं के मोबाइल पर यह गीत और भजन चलता रहा। अम्बेडकरनगर के टांडा विधानसभा में आधी रात को स्ट्रांग रूम के चारों तरफ लगे टेंट में कार्यकर्ताओं का जमावड़ा बढ़ गया।
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सपा कार्यकर्ता मुलायम यादव गड़बड़ी की आशंका जाहिर करते हुए कहते हैं कि यहां ईवीएम मशीनें एकलव्य स्टेडियम और राजकीय इंजीनियरिंग कालेज दो जगह रखी गई हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि ईवीएम मशीने दो अलग-अलग जगह पर रखी गई हैं। मशीनों की निगरानी के लिए 50-50 लोगों की दो टीम डे—नाइट शिफ्ट में मुस्तैदी से लगी है। भोजन की भी व्यवस्था की गयी है। लोग पूरी तरह सतर्क हैं। सुरक्षा के इंतजामों की सरकारी व्यवस्था पर निराशा जाहिर करते हुए वह कहते हैं कि पुलिस प्रशासन के दो से चार जवान लगे हुए हैं। पर यह सिर्फ खानापूर्ति है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो रामगोपाल यादव का बैलेट पेपर की मतगणना को लेकर लिखा गया पत्र भी वायरल हो रहा है। मंगलवार को उसका भी असर दिखा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बाकायदा पत्र लिखकर सभी पदाधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए। पत्र में कहा गया है कि मतगणना के समय बैलेट पेपर की पहले गिनती कराने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाया जाए। जिलों में इसकी भी तैयारी शुरू हो गयी है।
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इधर कानपुर गल्ला मंडी स्थित मतगणना स्थल पर मंगलवार शाम के समय सपा प्रत्याशियों ने हंगामा किया। कार्यकर्ताओं ने एक व्यक्ति को लैपटॉप के साथ पकड़ा। पुलिस अधिकरियों के समझाने के बावजूद सपाई नहीं माने और देर रात तक अपनी जिद पर अड़े रहें। एक अधिवक्ता के बैरिकेडिंग के अंदर पाए जाने पर भी हंगामा हुआ। हालांकि पुलिस अधिकारियों की जांच में शिकायतें सही नहीं मिली।
यहां पूरी रात अलग ही नजारा देखा गया। सपा कार्यकर्ता ढोलक और मजीरों के साथ गीत गाते दिखे। रात भर भजन—कीर्तन चलता रहा। आज की रात भारी है...की धुन पर कार्यकर्ता थिरकते रहे। कार्यकर्ताओं ने पुलिस और मजिस्ट्रेट की गाड़ियों को भी चेक किया। चुनाव कर्मियों को मंडी गेट से जाने की अनुमति नहीं दी। जिनके पास गेट पास थे, उन्हीं कर्मियों को आगे जाने दिया गया। बरेली में भी ढोल-मंजीरे के साथ रात भर जागकर सपाइयों ने ईवीएम मशीनों की निगरानी की।
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कहा जाता है कि मेरठ की हस्तिनापुर विधानसभा सीट से जिस पार्टी का प्रत्याशी जीतता है, सरकार उसी दल की बनती है। सपा प्रत्याशी और पूर्व विधायक योगेश वर्मा दूरबीन से ईवीएम मशीनों की निगरानी कर रहे हैं। उनके वायरल वीडियो ने भी खूब चर्चा बटोरी है। स्थानीय कार्यकर्ता अखिलेश कहते हैं कि मशीनों की निगरानी के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता इकटठा हो रहे हैं। उनकी शिफ्ट बनाई गई है।
अलीगढ में भी देर रात तब बवाल हुआ, जब बीजेपी नेताओं ने स्ट्रांग रूम का निरीक्षण किया। पर सपा प्रत्याशी को अंदर नहीं जाने दिया गया। आक्रोशित सपाइयों ने डीएम आवास का घेराव किया। मतगणना स्थल धनीपुर मंडी पर नेताओं ने पूरी रात डेरा डाले रखा। सपा जिलाध्यक्ष गिरीश यादव का कहना है कि 24 घंटे ईवीएम मशीनों की कड़ाई से निगरानी की जा रही है।
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अमेठी में कांग्रेस, बीजेपी, सपा और निर्दलीय प्रत्याशी भी ईवीएम मशीनों की निगरानी में लगे हैं। रात के समय गाड़ियों में सोने का इंतजाम किया गया है। उधर उन्नाव में बुधवार को ईवीएम की निगरानी कर रहे सपा कार्यकर्ताओं ने एक लेखपाल को ईवीएम बाक्स सील करने वाली टैग पर्ची के साथ पकड़ा। इस पर हंगामा हुआ। चंदौली में वीपीपैट पर्ची मिलने से हड़कंप मचा हुआ है। सैयदराजा इलाके के पास यह पर्चियां पाई गई हैं। बलिया और सुल्तानपुर में सपाई मतगणना स्थल तक गाड़ियां नहीं जाने दे रहे हैं।
सपा के प्रदेश सचिव श्रीशंकर शर्मा कहते हैं कि वाराणसी और अन्य जगहों पर जिस तरह से ईवीएम मशीनों और बैलेट पेपर को अवैध तरीके से ले जाया जा रहा है, वह गलत है। संविधान की रक्षा के लिए कार्यकर्ता तैयार हैं। कन्नौज समेत तमाम हाईप्रोफाइल सीटों पर गड़बड़ी की आशंका के चलते कार्यकर्ता सक्रिय हैं। शिफ्ट में निगरानी कराई जा रही है। पोस्टल बैलेट एजेंट के सामने सील कराया जाए और पुन: उन्हीं के सामने उनकी मतगणना करायी जाए। आयोग ने पोस्टल बैलेट की गिनती को लेकर जो नियम बनाए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त उस पर संज्ञान लें।
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