उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण के चुनाव में यादव बहुलता होने के कारण सपा गठबंधन को यहां मजबूत माना जा रहा है। भाजपा ने इस गंभीरता को ताड़ते हुए अपने मजबूत किले बुंदेलखंड में तगड़े प्रयास कर दिए हैं। बुंदेलखंड में 23 फरवरी को चौथे चरण में मतदान है। 2017 में बुंदेलखंड में भाजपा को एकतरफ़ा जीत हासिल हुई थी। बुंदेलखंड में दौरे पर पहुंचे समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने दावा किया है कि इस बार बुंदेलखंड सरप्राइज देगा। अखिलेश यादव ने यह दावा अपने जाति गणित के आधार पर दिया है। जिन सीटों पर 23 फरवरी को चुनाव है, उनमें फतेहपुर सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला जिला है। यहां साढ़े तीन लाख मुस्लिम वोटों में बंटवारे की चर्चा चल रही है। बसपा यहां 2 मुस्लिम प्रत्याशी लड़ा रही है। मंगलवार को इसी जनपद की जहानाबाद विधानसभा सीट पर पहुंचे अखिलेश यादव ने फतेहपुर के बड़े नेता दिवंगत सय्यद क़ासिम हसन की कब्र पर जाकर श्रद्धांजलि देने के बाद काफी हद तक नाराजग़ी को दूर कर दिया है। फतेहपुर की खागा और अयाह शाह विधानसभा सीट पर कांग्रेस भी अच्छे मुकाबले में हैं। यहां किसानों के बीच सबसे बड़ा मुद्दा आवारा पशुओं से फसल के बर्बाद होने का है और रोजगार को लेकर युवाओं में नाराजगी है।
Published: undefined
फिलहाल का मैकेनिज्म इस प्रकार है कि फतेहपुर सदर विधानसभा सीट पर बीजेपी के विक्रम सिंह ने समाजवादी पार्टी के जिस चंद्रप्रकाश लोधी को लगभग 30 हज़ार वोट के अंतर से हराया था। सपा ने वो ही चंद्रप्रकाश लोधी को मैदान में उतारा है। भाजपा ने भी अपना प्रत्याशी नहीं बदला है और बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी दिया है। आंकड़ो के मुताबिक फतेहपुर सदर विधानसभा लोधी बाहुल्य सीट है। लगभग 75 हज़ार लोधी वोट हैं उसके बाद मुस्लिम मतदाताओं की संख्या हैं। लोधी बाहुल्य विधानसभा होने के बावजूद यहां से सिर्फ एक बार लोधी विधायक बन पाया है। संभवत इसी संभावना को ध्यान में रखकर अखिलेश यादव ने फिर से चन्द्रप्रकाश लोधी को प्रत्याशी बनाया है।
Published: undefined
सभी 6 सीटों पर बीजेपी की जीत होने और जनपद से दो मंत्री बनाए जाने के बाद भी उम्मीदों पर खरा न उतरने पर लोगों में नाराजगी है। फतेहपुर सदर के वैभव सिंह के मुताबिक प्रदेश सरकार में मंत्री रहे और सांसद के भी केंद्र सरकार में मंत्री होने के बावजूद उम्मीदों के मुताबिक शहर में काम नहीं हुआ। पांच साल में सिर्फ मेडिकल कॉलेज मिला वो भी आधा अधूरा मिला। इसके अलावा फतेहपुर का सबसे बड़ा मुद्दा लक्ष्मी कॉटन मिल का बंद होना भी है। साढ़े तीन साल पहले इसके बंद होने से हजारों लोगों का रोजगार छिन गया। जहानाबाद के आबिद हसन के मुताबिक इसका मालिक देश छोड़कर भाग गया और किसी भी इसमें काम करने वाले हजारों परिवारों की परवाह नहीं की, उनकी परेशानियों को नही पूछा। यहां के युवा एएमयू के छात्र समीर ख़ान कहते हैं कि वो एक युवा हैं और अपने आसपास पाते हैं कि फतेहपुर का युवा रोजगार के लिए बड़े शहरों की ओर पलायन करता है क्योंकि फतेहपुर में रोज़गार के अवसर नहीं हैं। मौजूदा बीजेपी सरकार ने सिर्फ आंकड़ों में हीं नौकरियां दी हैं। समीर कहते हैं कि वो रोज़गार के मुद्दे को लेकर वोट करेंगे।
Published: undefined
फतेहपुर की बिंदकी विधानसभा में अपना दल और समाजवादी पार्टी में मुख्य मुक़ाबला दिख रहा है। यह कुर्मी बाहुल्य विधानसभा है, मुस्लिम मतदाता भी निर्णायक भूमिका में हैं। पिछले चुनाव में बीजेपी के करण सिंह पटेल ने समाजवादी पार्टी के दयालु गुप्ता को 50 हज़ार से ऊपर वोटों से चुनाव हराया था। इस बार यह सीट बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल (अनुप्रिया पटेल) के खाते में चली गई। अपना दल ने जहानाबाद से विधायक और योगी सरकार में राज्यमंत्री रहे जय कुमार जैकी को बिंदकी विधानसभा से उतारा है। सपा ने अपने पुराने प्रत्याशी रहे दयालु गुप्ता पर दोबारा भरोसा जताया है। वहीं बसपा ने सुशील पटेल को चुनाव में उतारा है। कांग्रेस से अभिमन्यु सिंह मैदान में हैं। बिंदकी विधानसभा पर 1996, 2007, 2012 में बसपा का कब्ज़ा था। पिछले कई बार से यहां कुर्मी समाज से विधायक रहा है।
Published: undefined
यहां के आकिल हुसैन बताते हैं कि बिंदकी में 2012 और 2007 में बसपा के विधायक सुखदेव वर्मा थे उन्हीं के समय जो काम हुआ है बस वही है मौजूदा विधायक ने कुछ नया काम नहीं कराया है। सोनू कहते हैं कि जो काम हुआ बसपा शासनकाल में ही हुआ बाकि मौजूदा सरकार में कुछ कार्य नहीं हुआ, इस बार जनता इनके झूठे खोखले वादे में नहीं आने वाली है। जहानाबाद विधानसभा में मुस्लिम और कुर्मी मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। जहानाबाद विधानसभा में समाजवादी पार्टी ने अपने पूर्व विधायक मदन गोपाल वर्मा पर दांव खेला है तो वहीं बहुजन समाज पार्टी ने भी अपने पूर्व विधायक आदित्य पांडेय को चुनावी मैदान में उतारा है। बीजेपी ने कुर्मी चेहरे पूर्व मंत्री राजेन्द्र पटेल को उतारा है। 2017 में बीजेपी गठबंधन के सहयोगी अपना दल के जय कुमार जैकी ने सपा के मदन गोपाल वर्मा को चुनाव हराया था। जयकुमार जैकी को पार्टी ने अब बिंदकी विधानसभा शिफ्ट कर दिया है।
मोहम्मद आदिल कहते हैं कि पिछले पांच सालों में मौजूदा विधायक जय कुमार जैकी क्षेत्र में बहुत ही कम दिखाई दिए और न हीं कुछ विकास कार्य इनके कार्यकाल के दौरान हुए हैं सिर्फ यही वजह है इस बार जय कुमार जैकी को बिंदकी भेज दिया गया क्योंकि वे यहां पर से चुनाव हार रहे थे। नरेंद्र कहते हैं कि पांच साल में जहानाबाद में कोई कार्य नहीं हुआ है, जो काम सपा सरकार में हुआ था बस वही है मौजूदा विधायक ने जनता को बेवकूफ बनाया है।
Published: undefined
फतेहपुर की हुसैनगंज विधानसभा में मुस्लिम और यादव मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। हुसेनगंज में बीजेपी ने अपने मौजूदा विधायक और सरकार में राज्यमंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं समाजवादी पार्टी ने 2017 में सपा कांग्रेस गठबंधन की प्रत्याशी रही ऊषा मौर्य को टिकट दिया है। कांग्रेस से शिवकांत तिवारी और बसपा से मुस्लिम चेहरा फरीद अहमद मैदान में हैं। हुसेनगंज विधानसभा 2007 में वजूद में आई थी। 2012 में बसपा के मोहम्मद आसिफ विधायक बने। हुसेनगंज फतेहपुर की हाट सीट में है।
अब्दुल्लाह कहते हैं कि हुसैनगंज क्षेत्र में सरकारी अस्पतालों में बदहाल व्यवस्था, खेती के लिए लचर व्यवस्था, जानवरों के अस्पताल की बदहाल व्यवस्था, गांवों में सफ़ाई की कमी, बदहाल शिक्षा व्यवस्था, लिंक रोडो का अभाव, क्षेत्र में जर्जर बिजली तार बदहाल व्यवस्था का प्रतिबिम्ब दर्शाते हैं।
अयाह शाह विधानसभा 2007 में परसीमन के बाद वजूद में आई, इससे पहले यह विधानसभा हसवा के नाम से जानी जाती थी। अयाह शाह विधानसभा में ओबीसी मतदाता निर्णायक भूमिका हैं, इसके बाद ठाकुर, ब्राह्मण मतदाता भी अच्छी स्तिथि में हैं। 2017 में अयाह शाह विधानसभा में पूर्व मंत्री तीन बार विधायक रहें राधेश्याम गुप्ता के पुत्र विकास गुप्ता ने सपा के अयोध्या प्रसाद पाल को चुनाव हराया था। अयोध्या प्रसाद पाल ने 2018 में सपा छोड़कर बसपा की सवारी की थी, लेकिन इसी वर्ष दिसंबर में फिर से सपा में शामिल हो गए थे लेकिन टिकट न मिलने के कारण बीजेपी में चले गए। इससे पहले अयोध्या प्रसाद पाल अयाह शाह से विधायक भी रह चुके हैं।
Published: undefined
अयाह शाह में समाजवादी पार्टी ने अपने राज्यसभा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विशंभर प्रसाद निषाद को मैदान में उतारा है। सपा ने निषाद चेहरा उतारकर बीजेपी के ओबीसी वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है। विशंभर निषाद के आने से इस सीट के समीकरण बदल गए हैं। कांग्रेस ने हेमलता पटेल को टिकट दिया है , हेमलता अपने समाजिक कार्यों को लेकर कई वर्षों से सक्रिय हैं वो गुलाबी गैंग से आती हैं। बहुजन समाज पार्टी ने नये चेहरे चंदन पाल को टिकट दिया है। अयाह शाह बांदा ज़िले से सटी हुई विधानसभा है और विकास के लिहाज़ से काफ़ी पीछे है।
खागा आरक्षित विधानसभा है। खागा में एससी मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। खागा विधानसभा से कृष्णा पासवान बीजेपी की विधायक हैं। 2012 में भी कृष्णा पासवान यहां से विधायक रहीं हैं। बीजेपी ने फिर से एक बार इनपर दांव खेला है। समाजवादी पार्टी ने पूर्व आईपीएस रामतीरथ परमहंस पर दांव खेला है। कांग्रेस ने अपने पुराने प्रत्याशी ओमप्रकाश गिहार को फिर से टिकट दिया है। बसपा से दशरथ लाल सरोज मैदान में हैं। पिछले चुनाव में कृष्णा पासवान ने कांग्रेस के ओमप्रकाश गिहार को चुनाव हराया था। खागा कौशांबी ज़िले से लगी हुई सीट है। 1993 के बाद से समाजवादी पार्टी यहां से खाली हाथ है। पहले यह विधानसभा किशुनपुर विधानसभा के नाम से जानी जाती थी। समाजवादी पार्टी का यहां से अभी तक खाता नहीं खुला हैं। मुद्दों में बदहाल शिक्षा व्यवस्था, गांवों में पिछड़ापन , बदहाल सड़कें आदि शामिल हैं।
Published: undefined
युवा आकिल हुसैन बताते हैं कि फतेहपुर एक बेहद महत्वपूर्ण जनपद है और अभी तक यह क्षेत्र सांप्रदायिकता की राजनीति से दूर है। फतेहपुर जनपद में सभी विधानसभा सीटों पर अपनी जाति का विद्यायक बनाने की होड़ रहती है। यहां लोध और कुर्मी समाज मे यह छटपटाहट ज्यादा हो गई है। यहां धर्म की राजनीति पर जाति की राजनीति भारी है, इसलिए तमाम राजनीतिक दलों ने जाति का गणित साधने का काम किया है। इसलिए इस बार परिणाम रोचक होने वाला है। यहां किसानों के बीच आवारा पशुओं का फसल रौंदने का मुद्दा एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined