बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को खींचतान कर बहुमत मिलने के बाद फिर से मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ होते ही सीएम नीतीश कुमार के सुर फिर बदल गए हैं। चुनाव नतीजों में एनडीए की जीत के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘आखिरी चुनाव’ वाले बयान पर पूछे गए सवाल पर चालाकी से पलटी मारते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा और लोगों ने उनकी बात को गलत समझ लिया।
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नीतीश कुमार ने बड़ी ही चतुराई से अपने आखिरी चुनाव वाले बयान पर सफाई देते हुए कहा, “वो बयान आप लोगों ने ठीक से नहीं सुना। हम हर चुनाव के अंतिम चुनावी सभा में ये बात बोलते हैं कि अंत भला तो सब भला। आप उसके पीछे का और आगे का मिलाकर देखिएगा, तब पूरी बात समझ आएगी।”
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बता दें कि नीतीश कुमार ने बिहार चुनाव के तीसरे चरण के प्रचार के आखिरी दिन पूर्णिया के धमदाहा में एक चुनावी सभा में कहा था, “जान लीजिए, आज चुनाव का आखिरी दिन है। परसों चुनाव है और ये मेरा अंतिम चुनाव है। अंत भला तो सब भला। अब बताइए आप वोट दीजिएगा कि नहीं। हम इन्हें जीत का माला पहना कर दें?”
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नीतीश कुमार के इस बयान के बाद बिहार के सियासी गलियारे में हर कोई चौंक गया था। जेडीयू के तमाम नेताओं ने भी इस पर नीतीश कुमार से पुनर्विचार करने का आग्रह किया था, जिसमें जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह तक शामिल थे। वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि आखिरकार नीतीश कुमार ने हमारी बात पर मुहर लगा दी कि वह थक गए हैं और उनसे बिहार नहीं संभल रहा है। हालांकि, नीतीश कुमार ने अब फिर पलटी मारते हुए बयान से ही इनकार कर दिया है।
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