यूपी विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों में बीजेपी को बहुमत मिल रहा है। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी रुझानों में भी राज्य में बीजेपी बढ़त बनाए हुए है । लेकिन इस बीच सबसे चौंकाने वाले नतीजे पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आए हैं। यहां पर बीजेपी लगभग सभी सीटों पर बढ़त बनाए हुई है। माना जा रहा था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट और मुस्लिम मतदाता मिलकर बीजेपी के लिए चुनौती बन सकते हैं। कृषि कानूनों को लेकर नाराज चल रहे किसान और जाट का समर्थन पाने के लिए अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी ने जयंत चौधरी की आरएलडी से गठबंधन किया था। लेकिन इन सभी के बावजूद नतीजे कुछ और ही बयां कर रहे हैं।
आइए एक नजर डालते हैं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सीटों पर
1. कैराना- यहां समाजवादी पार्टी बढ़त बनाए हुए है.
2. मुजफ्फरनगर- यहां भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ने बढ़त बनाई हुई है.
3. नगीना- इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी आगे चल रही है.
4. नजीबाबाद- इस सीट पर समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार आगे है.
5. चंदौसी- चंदौसी में भारतीय जनता पार्टी आगे है.
6. देवबंद- यहां भी बीजेपी के उम्मीदवार ने बढ़त बनाई हुई है.
7. सहारनपुर- यहां से समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार आगे चल रहे हैं.
8. हसनपुर- इस सीट से बीजेपी आगे चल रही है.
9. मुरादनगर- यहां भी बीजेपी आगे चल रही है.
10. गाजियाबाद- इस सीट पर भी बीजेपी उम्मीदवार आगे हैं.
11. मोदीनगर- यहां से बीजेपी उम्मीदवार आगे चल रहे हैं.
12. नोएडा- इस सीट पर भी बीजेपी उम्मीदवार आगे है.
13. जेवर- इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार आगे है.
14. धौलाना- यहां भी बीजेपी बढ़त बनाए हुए है.
15. हापुड़- इस सीट पर बीजेपी आगे चल रही है.
16. मथुरा- बीजेपी से मंत्री श्रीकांत शर्मा आगे चल रहे हैं
17. थाना भवन- गन्ना मंत्री सुरेश राणा पीछे चल रहे
18. अतरौली- संदीप सिंह आगे चल रहे
19. नोएडा- बीजेपी उम्मीदवार पंकज सिंह आगे चल रहे
20. सरधना सीट- बीजेपी उम्मीदवार संगीत सोम आगे चल रहे
21. लोनी सीट- नंदकिशोर गुर्जर आगे चल रहे
22. चरथावल सीट- पंकज मलिक
23. जेवर सीट- अवतार भड़ाना
24. सिवालखास- गुलाम मोहम्मद
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माना जा रहा है कि बीजेपी ने कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद किसानों का खोया भरोसा वापस पा लिया है। मुस्लिम बाहुल्य देवबंद और किसानों आंदोलन के समय काफी चर्चा में रहे लखीमपुर खीरी जिले की सभी सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है। किसान बहुल इन इलाकों में बीजेपी के प्रति काफी नाराजग़ी दिखाई दी थी। बीजेपी के प्रत्याशियों को गांवों में घुसने में विरोध का सामना भी करना पड़ा था।
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बात साल 2017 के चुनाव की करें तो मोदी लहर के चलते बीजेपी ने इन 58 विधानसभा सीटों में से 53 पर कब्जा जमाया था। 2017 में समाजवादी पार्टी और बीएसपी के खाते में दो-दो सीटें गईं थी, जबकि एक पर रालोद प्रत्याशी की जीत हुई थी, जो बाद में BJP में शामिल हो गए थे। बता दें, 2017 में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। वहीं रालोद और बसपा ने अकेले चुनाव लड़ा था।
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