बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बहुमत मिला है। गठबंधन में भी बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को काफी कम सीटें मिली हैं। जिसके बाद से एनडीए की अगली सरकार में नीतीश कुमार का दबदबा कम होने और बीजेपी का दबाव बढ़ने कयास लग रहे हैं। अब इसका उदाहरण भी सामने आ गया है। बिहार में पूरी तरह बड़े भाई की भूमिका में आते हुए बीजेपी ने जेडीयू को शराबबंदी में संशोधन की सलाह दे दी है।
बिहार में अगली सरकार के गठन को लेकर बीजेपी-जेडीयू में अभी मंथन चल ही रहा था कि शुक्रवार को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सीएम नीतीश कुमार से शराब बंदी में संशोधन की मांग कर दी। निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह है कि शराबबंदी में कुछ संशोधन करें,क्योंकि जिनको पीना या पिलाना है वे नेपाल, बंगाल, झारखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ का रास्ता अपनाते हैं, इससे राजस्व की हानि, होटल उद्योग प्रभावित होता है और पुलिस, एक्साइज में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं।”
Published: undefined
खास बात ये है कि शराबबंदी के बाद से विपक्ष समेत कई पत्रकार और सामाजिक संगठन भी राज्य में शराबबंदी के नाम पर भ्रष्टाचार की गंगा बहने का आरोप लगाते आ रहे हैं। चुनाव के दौरान तो आरजेडी और लोक जनशक्ति पार्टी ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया था और कहा था कि नीतीश कुमार की शराबबंदी जमीन पर फेल है। कांग्रेस ने भी अपने बदलाव पत्र में इस कानून की समीक्षा करने की बात कही थी।
लेकिन दिलचस्प बात है कि तब इसी बीजेपी ने इन आरोपों के लिए विपक्ष पर हमला करते हुए कहा था कि सरकार में आने पर ये लोग शराबबंदी को खत्म कर देंगे। बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने तो विपक्ष से शराबबंदी पर अपना स्टैंड स्पष्ट करने तक की मांग कर दी थी।
Published: undefined
हालांकि, बीजेपी सांसद के इस बयान पर जेडीयू ने नाराजगी व्यक्त की है। जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि निशिकांत दुबे को इस तरह की बात करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा फैसला है, जिसने बिहार की आधी आबादी के चेहरे पर ना केवल मुस्कान लाने का काम किया है, बल्कि सामाजिक बनावट में उनकी श्रेष्ठता को भी स्थापित किया है। सड़क दुर्घटनाएं घटी हैं, महिला उत्पीड़न के मामले घटे हैं। इसलिए एनडीए के किसी भी नेता को इस तरह का बयान देने से बचना चाहिए।
Published: undefined
बता दें कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125 सीटें मिली हैं, जिसमें बीजेपी को 74, जेडीयू को 43, वीआईपी को 4 और हम को 4 सीट आई है। वहीं महागठबंधन 110 सीटें मिली हैं, जिसमें आरजेडी को 75, कांग्रेस को 19 वामदलों को 16 पर जीत मिली है। वहीं, ओवैसी की एआईएमआईएम को 5 सीटें, तो एलजेपी को एक सीट पर जीत मिली है। इस चुनाव परिणाम के बाद से कयास लग रहे हैं कि अगली सरकार में बीजेपी का दबदबा होगा और सीएम भी बीजेपी का हो सकता है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined