केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यानी सीयूईटी लागू हो चुका है। फिलहाल सीयूईटी (यूजी) की दूसरी स्लॉट की परीक्षाएं होनी है। यहां यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है कि आखिर इन परीक्षाओं के आधार पर कॉलेजों में दाखिला कैसे मिलेगा। दरअसल इस बार भी अलग-अलग विश्वविद्यालयों और उनसे संबंधित कॉलेजों द्वारा मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी। हालांकि इस बार मेरिट लिस्ट 12वीं के अंकों आधार पर न होकर सीयूईटी में हासिल किए गए अंकों के आधार पर बनाई जाएगी।
सीयूईटी स्कोर स्वीकार करने वाले देश के सभी 44 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए अलग कट-ऑफ जारी की जाएगी। जिन छात्रों ने जिस किसी भी संबंधित विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए यह परीक्षा दी होगाी, उन्हें उस विश्वविद्यालय एवं उसके कॉलेजों द्वारा जारी की गई कटऑफ के आधार पर दाखिला मिलेगा। यह कट ऑफ सीयूईटी में हासिल किए गए अंकों के आधार पर बनाई जाएगी। यहां खास बात यह है कि इस बार कट ऑफ 12वीं के नंबरों की बजाए सीयूईटी परीक्षा के आधार पर बनाई जाएगी और प्रत्येक केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए अलग कट ऑफ लिस्ट होगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हंसराज सुमन ने बताया कि सीयूईटी में छात्रों द्वारा हासिल किए गए अंकों की जानकारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा विश्वविद्यालय को दी जाएगी। इन अंको के आधार पर उच्चतम अंकों वाले छात्रों की मेरिट लिस्ट तैयार होगी। दिल्ली विश्वविद्यालय के अलग-अलग कॉलेज पहले की तरह कट ऑफ लिस्ट तैयार करेंगे। इस प्रक्रिया के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय यह कट ऑफ लिस्ट जारी करेगा। इसी तरह देश के अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालय भी दाखिला प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।
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यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि कॉलेजों में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों हेतु बारहवीं कक्षा के सिलेबस के आधार पर ही सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) लिया जा रहा है। कॉलेजों में दाखिले के लिए अन्य किसी कक्षा के सिलेबस के आधार पर एंट्रेंस टेस्ट में प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे। यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार के मुताबिक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के लिए सिर्फ 12वीं कक्षा का सिलेबस मान्य हैं।
यूजीसी की मदद से शिक्षा मंत्रालय केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय प्राइवेट विश्वविद्यालयों को भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया है। टाटा यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल साइंस मुंबई और हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी जैसे संगठनों ने यूजीसी के साथ हुई बैठक में सीयूईटी का हिस्सा बनने में रुचि दिखाई है।
यूजीसी ने सभी राज्य सरकारों और प्राइवेट विश्वविद्यालयों से छात्रों को प्रवेश देने के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) अपनाने की अपील की है। यूजीसी ने निजी शिक्षण संस्थानों से कहा है कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ही स्नातक कार्यक्रमों में सीयूईटी को अमल में लाने की कोशिश करें।
सीयूईटी पर लिया गया केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का फैसला देश के सभी 44 केंद्रीय विश्वविद्यालयों पर लागू होता है। यूजीसी द्वारा लिए गए निर्णय के मुताबिक देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करने होंगे। फिलहाल देश भर के 90 विश्वविद्यालयों ने इसे स्वीकार्यता प्रदान की है।
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हरिद्वार का गुरुकुल कांगड़ी, दिल्ली का जामिया हमदर्द, मुंबई स्थित टिस, गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान, आगरा डिंडीगुल दयालबाग शैक्षणिक संस्थान, कोयंबटूर का अविनाशीलिंगम इंस्टीट्यूट ऑफ होम साइंसेज,कोलकाता स्थित रामकृष्ण विवेकानंद शैक्षणिक अनुसंधान संस्थान और अहमदाबाद का गुजरात विद्यापीठ सीईयूटी के लिए प्रारंभिक सहमति देने वाले संस्थानों में शामिल है। इन संस्थानों के प्रतिनिधियों ने यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार से मुलाकात भी की है।
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