डीजल वाहनों की बिक्री पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त जीएसटी की खबरों ने ऑटोमोबाइल को बड़ा झटका दिया। बाजार में भी इसकी चर्चा होने लगी। मीडिटा रिपोट्स में बताया जा रहा था कि डीजल वाहनों की बिक्री पर जीएसटी बढ़ाने संबंधित बड़ा फैसला लिया जा सकता है। अब नितिन गडकरी ने इस दिशा में सरकार का रुख स्पष्ट कर दिया है। नितिन गडकरी ने कहा कि वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
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इससे पहले रिपोर्ट्स में कहा गया था कि नितिन गडकरी मंगलवार शाम केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर प्रदूषण कम करने के प्रयास में अतिरिक्त टैक्स का प्रस्ताव देंगे।
नितिन गडकरी ने टैक्स का प्रस्ताव देने वाली उनके हवाले से रिपोर्ट सामने आने के तुरंत बाद अपने एक्स अकाउंट के माध्यम से कहा, ''डीजल वाहनों की बिक्री पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त जीएसटी का सुझाव देने वाली मीडिया रिपोर्टों को स्पष्ट करने की तत्काल जरूरत है। यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि सरकार द्वारा वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव सक्रिय विचाराधीन नहीं है।"
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उन्होंने आगे कहा, ' 2070 तक कार्बन नेट ज़ीरो हासिल करने और डीजल जैसे खतरनाक ईंधन के कारण होने वाले वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के साथ-साथ ऑटोमोबाइल बिक्री में तेजी से वृद्धि के लिए हमारी प्रतिबद्धताओं के अनुरूप, सक्रिय रूप से स्वच्छ और हरित वैकल्पिक ईंधन को अपनाना जरूरी है। ये ईंधन आयात के विकल्प, लागत प्रभावी, स्वदेशी और प्रदूषण मुक्त होने चाहिए।''
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रिपोर्ट के अनुसार दिन की शुरुआत में 63वें वार्षिक सियाम सम्मेलन को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने डीजल को 'खतरनाक' ईंधन करार दिया था। उन्होंने कहा था कि मांग को पूरा करने के लिए देश को ईंधन का आयात करना पड़ता है। नितिन गडकरी ने कार निर्माताओं से इथेनॉल और हरित हाइड्रोजन जैसे पर्यावरण-अनुकूल ईंधन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपने विनिर्माण को फिर से शुरू करने का आग्रह किया।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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