हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद से ही अडानी का साम्राज्य पूरी तरह से हिल चुका है। गौतम अडानी को ना सिर्फ लाखों करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है बल्कि शेयर बाजार में भी कंपनी के शेयर पूरी तरह धड़ाम हो गए हैं।
रिपोर्ट की मानें तो हिंडनबर्ग रिचर्स की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के मार्केट कैप को 120 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। इन सबके बीच हिंडनबर्ग से मिले झटके से उभरने के लिए गौतम अडानी नया प्लान बना रहे हैं। खबरों की मानें तो गौतम अडानी की अगुवाई वाले समूह ने अपने रेवेन्यू ग्रोथ के टारगेट को आधा कर दिया है और साथ ही, अपनी कैपिटल एक्सपेंडिचर को टालने की योजना पर काम कर रहा है।
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ब्लूबबर्ग की रिपोर्ट की मानें तो गौतम अडानी के ग्रुप ने अपने रेवेन्यू टारगेट के इजाफे के टारगेट को आधा कर दिया है। जानकारी के अनुसार ग्रुप अगले वित्तीय वर्ष में अपने रेवेन्यू ग्रोथ को 15 से 20 फीसदी तक सीमित कर सकता है। जबकि ग्रुप का टारगेट पहले 40 फीसदी था। इसके अलावा ग्रुप अपने कैपिटल एक्सपेंडिचर को कम करने की प्लानिंग में जुट गया है।
जानकारों की मानें तो जिस तरह से ग्रुप अपने प्रोजेक्ट्स के आगे बढ़ रहा था, उसमें हल्का ब्रेक लगाएगा और अपने फाइनेंशियल हेल्थ को मजबूत करने को प्रायोरिटी में रखेगा। इसका मतलब है कि पोर्ट-टू-पॉवर ग्रुप का फोकस अब कैश को हाथों में रखने, लोन चुकाने और गिरवी रखे हुए शेयरों दोबारा वापस लेने पर होगा।
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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार कम से कम तीन महीने के लिए भी निवेश पर रोक लगाने से ग्रुप को 3 अरब डॉलर तक की बचत हो सकती है। इस सेविंग से कर्ज चुकाने में मदद मिल सकती है या कैश बढ़ाने में भी हेल्प मिल सकती है जिसका फायदा ग्रुप को बाद में हो सकता है।
लोगों ने कहा कि ग्रुप की योजनाओं की अभी भी समीक्षा की जा रही है और अगले कुछ हफ्तों में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. अडानी ग्रुप के एक प्रतिनिधि ने रेवेन्यू टारगेट को कम करने और कैपेक्स में देरी की योजना पर टिप्पणी मांगने वाले ईमेल का तुरंत जवाब नहीं दिया।
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रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रुप की तीन कंपनियों ने बैंकों के पास अपने अतिरिक्त शेयर गिरवी रखे हैं। इन बैंकों ने अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज को कर्ज दिया हुआ है। एसबीआईकैप ट्रस्टी कंपनी के पास इन कंपनियों ने अपने शेयरों को गिरवी रखा हुआ है। जिन कंपनियों ने अपने शेयरों को गिरवी रखा हुआ है उनमें अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन, अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड शामिल हैं।
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