देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन इंडिया को फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में 73,878 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक सरकार के बकाये का प्रावधान किए जाने से कंपनी का घाटा इस स्तर तक पहुंचा है। न्यायालय ने आदेश दिया था कि सांविधिक बकाए की गणना में गैर-दूरसंचार आय को भी शामिल किया जाएगा, जिसके बाद कंपनी को 51,400 करोड़ रुपये चुकाने हैं। कंपनी ने कहा कि इस देनदारी के कारण कंपनी का कामकाम जारी रहने को लेकर भी गंभीर संदेह पैदा हुआ है। भारतीय कंपनी आइडिया के विलय के बाद नए स्वरूप में आए वोडाफोन इंडिया को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
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जनसत्ता की खबर के मुताबिक जियो के आने के बाद से ही संकट से गुजर रही कंपनी की मुश्किलें सरकारी बकाये को चुकाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश ने भी बढ़ा दी है। वोडाफोन आइडिया ने शेयर मार्केट जानकारी दी कि मार्च तिमाही में उसे 11,643.5 करोड़ रुपये का लॉस हुआ है, जो बीते साल इसी अवधि में 4,881.9 करोड़ रुपये था।
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पूरे साल के आंकड़े की बात करें तो वोडाफोन आइडिया को वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 14,603.9 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। टेलिकॉम डिपार्टमेंट का कहना है कि वोडाफोन पर 58,254 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है, जबकि कंपनी का कहना है कि 46,000 करोड़ रुपये की रकम बाकी है। अब तक वोडाफोन की ओर से बकाया राशि के तौर पर 6,854.4 करोड़ रुपये की रकम चुकाई गई है।
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वोडाफोन आइडिया के संकट को इस बात से भी समझ सकते हैं कि बीते दो साल से भी कम समय में कंपनी को 11.61 करोड़ ग्राहक भी खोने पड़े हैं। फिलहाल कंपनी के 32.5 करोड़ यूजर हैं और जियो, एयरटेल के बाद वह तीसरे स्थान पर है। एक तरफ इस अवधि में वोडाफोन आइडिया लगातार कमजोर होती गई है, जबकि रिलायंस जियो ने अपने यूजर बेस में तेजी से इजाफा किया है। वहीं एयरटेल ने अपनी बाजार हिस्सेदारी को बनाए रखने में कामयाबी हासिल की है।
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