आइडिया सेल्यूलर और वोडाफोन इंडिया के विलय की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नवगठित कंपनी 'वोडाफोन आइडिया लिमिटेड' का संचालन शुरू हो गया है। दोनों कंपनियों की ओर से शुक्रवार को जारी एक संयुक्त बयान में बताया गया कि आदित्य बिरला समूह और वोडाफोन समूह की साझेदारी में आइडिया सेल्यूलर (नया नाम वोडाफोन आइडिया लिमिटेड) भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी के रूप में काम करने लगा है, जिसके पास 40.8 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं। राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मंजूरी के बाद दोनों कंपनियों के विलय की प्रक्रिया पूरी हुई। पिछले महीने दूरसंचार विभाग की ओर से विलय की अनुमति मिलने के बाद न्यायाधिकरण (ट्रिब्यूनल) की मंजूरी ही अंतिम आधिकारिक अनुमति थी।
संयुक्त बयान के अनुसार वोडाफोन आइडिया के नवगठित निदेशक मंडल में 6 स्वतंत्र निदेशक समेत कुल 12 निदेशक हैं और कुमार मंगलम बिड़ला इसके अध्यक्ष हैं। निदेशक मंडल ने बालेश शर्मा को सीईओ नियुक्त किया है। नई कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 32.2 फीसदी होगी। जबकि संयुक्त आधार पर वोडाफोन समूह की 45.2 फीसदी और आदित्य बिड़ला समूह की 26 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी देश के 9 दूरसंचार सर्किलों में पहले पायदान पर होगी। करार के मुताबिक वोडाफोन और आइडिया दोनों ब्रांड बने रहेंगे। इस अवसर पर कुमारमंगलम बिड़ला ने कहा कि आज हमने देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी का गठन किया है। यह वास्तव में एक ऐतिहासिक क्षण है।
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नई कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड अपने आकार के साथ भारती एयरटेल को पीछे छोड़ देगी, जो फिलहाल देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बनी हुई है। इस विलय के साथ कंपनी के पास 2 लाख मोबाइल साइट और करीब 2.35 लाख किलोमीटर फाइबर के साथ 1,850 मेगाहर्ट्ज़ का व्यापक स्पेक्ट्रम पोर्टफोलियो होगा। कंपनी का दावा है कि इससे ग्राहकों को बातचीत और इंटरनेट के मामले में पहले से अधिक बेहतर सेवा मिलेगी। कंपनी का दावा है कि अपनी क्षमता की वजह से नई कंपनी के नेटवर्क की की पहुंच देश के 5,00,000 शहरों और गांवों तक होगी।
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