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दुनिया में कॉटन (रूई) का सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत से इस साल रूई की निर्यात मांग काफी कमजोर है। इसकी वजह कॉटन की खराब क्वालिटी है जिसकी मांग अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कम है। लिहाजा, उद्योग से बाजार के जानकार कहते हैं कि सरकार ने कॉटन के आयात पर जो 10 फीसदी शुल्क लगाया है उसका उपयोग देश में कॉटन की क्वालिटी सुधारने और सिंचाई व प्रौद्योगिकी सुविधा पर खर्च किया जाना चाहिए।
विशेषज्ञ बताते हैं कि भारतीय कॉटन की क्वालिटी सुधारने के साथ-साथ उत्पादकता बढ़ाने पर भी जोर देने की आवश्यकता है क्योंकि दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत में कॉटन की उत्पादकता काफी कम है।
दुनिया के देशों में कॉटन का औसत उत्पादन 940 किलो प्रति हेक्टेयर है जहां भारत में औसत उत्पादन सिर्फ 450 किलो प्रति हेक्टेयर है। इस प्रकार वैश्विक औसत उत्पादन के आधे से भी कम है।
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आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने छह शहरों में स्ट्रीट फूड की होम डिलीवरी के लिए जोमैटो के साथ हाथ मिलाया है। स्ट्रीट फूड वेंडर्स के लिए प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि के एक हिस्से के रूप में मंत्रालय ने जोमैटो के साथ यह करार किया है ताकि स्ट्रीट फूड वेंडर्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए मार्केट उपलब्ध कराया जा सके। अपने एक बयान में मंत्रालय ने कहा कि शुरुआत में भोपाल, लुधियाना, नागपुर, पटना, रायपुर, वडोदरा इन छह शहरों के 300 वेंडर्स को जोमैटो के साथ ट्रेनिंग दी जाएगी।
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इन्वेंटरी फुलफिलमेंट सॉफ्टवेयर में अग्रणी इंक्रेफ ने आइरिस रीजनल यूटिलाइजेशन (आरयू) मॉड्यूल लॉन्च किया है, जिसे विशेष रूप से ई-कॉमर्स गोदामों के प्रबंधन के लिए बनाया गया है। आईआरआईएस आरयू को एकीकृत करके, ब्रांड दक्षता बढ़ा सकते हैं और लॉजिस्टिक पर 10-12 प्रतिशत की बचत कर सकते हैं, इस प्रकार कुल मार्जिन और क्षेत्रीय पूर्ति में 30 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। यह समाधान ई-कॉमर्स ब्रांडों को समझदारी से ठोस एक्शन पॉइंट में गहराई से ट्रांसलेट करने में सक्षम बनाता है, जिससे उन्हें देश भर में स्टॉक के मांग-वार वितरण का निर्धारण करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, क्षेत्रीय यूटिलाइजेशन मॉड्यूल चार प्रमुख अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है जो ब्रांडों को स्मार्ट तरीके से इन्वेंटरी आवंटित करने में सक्षम बनाता है।
-- हायर मार्केटप्लेस कन्वर्शन के लिए तेज डिलीवरी : गोदामों में इन्वेंटरी का कुशल प्रबंधन यह सुनिश्चित करता है कि उत्पादों को ग्राहकों के करीब रखा जाए। इससे ब्रांड को तेजी से डिलीवरी चक्र सुनिश्चित करने में मदद मिलती है यानी 1-2 दिनों के भीतर। जिससे अधिक ग्राहक संतुष्टि, उच्च सेलिंग रेटिंग और ब्रांड के प्रति भरोसा बढ़ता है।
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साल 2020 की चौथी तिमाही में स्नैपचैट संग 1.6 करोड़ डेली एक्टिव यूजर्स जुड़े और अब जाकर इसके कुल यूजर्स की संख्या 26.5 करोड़ तक पहुंच गई यानि कि इसमें साल-दर-साल के हिसाब से 22 फीसदी का इजाफा हो रहा है। प्रतिस्पर्धा भरे इस बाजार में यह वाकई में सराहनीय है। स्नैपचैट कैमरे से हर रोज औसतन 500 करोड़ से अधिक तस्वीरें खींची जा रही हैं।
स्नैप के सीईओ इवान स्पीगल ने गुरुवार देर रात निवेशकों से कहा कि आज की युवा पीढ़ी शब्दों से ज्यादा तस्वीरों से खुद को जाहिर करने में यकीन रखती है और इनमें से 82 प्रतिशत का मानना है कि दुनिया में बदलाव लाना उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।
स्पीगल ने कहा कि वक्त के साथ-साथ कंपनी स्टोरीज का इजाद कर रही है ताकि नए फॉर्मेट्स को अपनाया जा सके।
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की रेपो रेट पर घोषणा के बीच शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार में गजब की तेजी देखी गई। आज BSE का इंडेक्स सेंसेक्स पहली बार 51 हजार के पार पहुंच गया। वहीं NSE इंडेक्स निफ्टी ने भी इतिहास बनाते हुए 15,000 का आंकड़ा छुआ।
क्लोजिंग के वक्त सेंसेक्स 0.23 फीसदी यानी 117.34 अंकों की बढ़त के साथ 50,731.63 के आंकड़े पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 28.60 अंक या 0.19 फीसदी की बढ़त लेकर 14,924.30 पर बंद हुआ।
बता दें कि शेयर बाजार आज उछाल के साथ खुले थे, जिसके कारण सेंसेक्स ने 51 हजार की नई ऊंचाई को छू लिया। तीस शेयरों वाले बीएसई का संवेदी सूचकांक आज 417 अंकों की तेजी के साथ 51,031 पर खुला और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 73 अंक चढ़कर 14,968 अंकों पर कोरोबार की शुरुआत की। निफ्टी ने भी 15,005 के साथ रिकॉर्ड बनाया।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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