PM मोदी-वित्त मंत्री के बीच हुई मुलाकात, एक और राहत पैकेज का ऐलान संभव
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एक बार फिर लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। अब लॉकडाउन 3 मई से बढ़कर 17 मई तक के लिए लागू है। इस बीच, सरकार की ओर से कोरोना से प्रभावित लोगों और कारोबार को एक और राहत पैकेज देने की तैयारी हो रही है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावित उद्योगों को राहत पैकेज देने के संबंध में बैठक भी की है। शनिवार को हुई इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा, गृह मंत्री अमित शाह सहित प्रमुख मंत्रियों और आर्थिक मंत्रालयों के अधिकारी भी शामिल हुए।
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एप्पल ने नए लक्षणों के साथ कोरोना स्क्रीनिंग एप को किया अपडेट
एप्पल ने कोरोना वायरस स्क्रीनिंग एप को महामारी के नए लक्षणों के साथ अपडेट किया है। कोविड-19 संक्रमण के बारे में नई जानकारी सहित इसमें मास्क बनाने की विधि भी बताई गई है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की नई गाइडलाइंस की सिफारिशों को शामिल करते हुए एप्पल ने शुक्रवार को अपने एप का एक नया वर्जन जारी किया।
कोरोनावायरस संक्रमण के नए लक्षणों में ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, गले में खराश और गंध या स्वाद का पता नहीं चल पाना शामिल है। इससे पहले कोविड-19 संक्रमण के लक्षणों में केवल बुखार, खांसी, सांस की तकलीफ या सांस लेने में कठिनाई होने जैसी समस्याएं ही शामिल थीं।
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एलन मस्क अपने एक ट्वीट के कारण गंवा सकते हैं सीईओ का पद
एलन मस्क टेस्ला के कार मेकर्स बोर्ड के सीईओ के रूप में अपने पद को गंवा सकते हैं। साथ ही यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) भी उनके द्वारा किए गए ट्वीट को लेकर उनकी जवाबदेही तय कर सकता है। उनके ट्वीट के कारण कुछ ही घंटों में टेस्ला के मार्केट वैल्यू में 14 अरब अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई है।
एलन मस्क ने ट्वीट कर कहा कि इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी के शेयर की कीमत बहुत अधिक है, जिसके प्रतिक्रियास्वरूप मार्केट में कंपनी के शेयर्स में भारी गिरावट दर्ज हुई। और मास्क को खुद तीन अरब डॉलर का नुकसान हो गया।
इसके पहले अगस्त 2018 में उन्होंने एक ट्वीट में टेस्ला के बारे में कहा था कि टेस्ला जल्दी ही निजी कंपनी बनने जा रही है और इसके प्रति शेयर की कीमत 420 अमेरिकी डॉलर होगी। इस ट्वीट के कारण उन्हें चेयरमैन की कुर्सी से हाथ धोना पड़ा।
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सिर्फ 4 प्रतिशत लोग लॉकडाउन खुलने के बाद मॉल जाने के इच्छुक : सर्वे
करीब 200 से अधिक जिलों के हजार से अधिक लोगों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में तीन-चौथाई या 78 फीसदी से अधिक लोग चाहते हैं कि सरकार आवश्यक वस्तुओं सहित सभी वस्तुओं को वितरित करने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को अनुमति दे। सर्वेक्षण के अनुसार, उपभोक्ता चाहते हैं कि रेड जोन में भी ई-कॉमर्स गैर-आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी करें या फिर लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की सूची में बढ़ोत्तरी करें, ताकि वे अपनी जरूरत के सामान ले सकें।
उपभोक्ताओं का कहना है कि वे लॉकडाउन के बाद स्थानीय दुकानों (दुकान में जाकर या घर पर डिलीवरी) और ई-कॉमर्स साइटों के माध्यम से ही जरूरत की वस्तुओं को खरीदना पसंद करेंगे, जबकि मात्र 4 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे खरीदारी के लिए मॉल जाएंगे।
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कोरोना के चलते चीनी उद्योग के सामने नकदी का संकट : इस्मा महानिदेशक
कोरोना वायरस के संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए पूरे भारत में जारी लॉकडाउन में चीनी के उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा है, मगर चीनी की बिक्री कम होने से उद्योग के सामने नकदी का संकट खड़ा हो गया है, जिसके चलते मिलों को किसानों के बकाये का भुगतान करने में कठिनाई हो रही है। उद्योग संगठन का कहना है कि नकदी के संकट के कारण किसानों का बकाया बढ़कर तकरीबन 18000 करोड़ रुपये हो गया है।
निजी चीनी मिलों का शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन(इस्मा) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा, "चीनी दरअसल आवश्यक वस्तु की श्रेणी में आती है इसलिए चीनी उद्योग पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन बड़े खरीदारों की मांग नहीं होने के कारण चीनी की बिक्री काफी घट गई है।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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