अर्थतंत्र

अर्थ जगत की 5 बड़ी खबरें: कैश के इस्तेमाल से कोरोना का खतरा और इस वायरस ने पोल्ट्री कारोबार को किया तबाह!

RBI गवर्नर ने कहा कि डिजिटल लेन-देन करें और सुरक्षित रहें। एक तरह से उन्होंने देश के लोगों को करेंसी में लेन-देन कम करने अपील की है। कोरोना के कहर से पोल्ट्री कारोबारियों को उबरना मुश्किल हो गया है। पहले चिकन से कोरोना फैलने के अफवाह के कारण पोल्ट्री कारोबार तबाह हो गया।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

करेंसी से कोरोना का खतरा, डिजिटल पेमेंट करें

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है। इस महामारी से बचने एकमात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग है और सरकार लगातार जनता से लॉकडाउन का पालन करने की अपील कर रही है।

इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक वीडियो संदेश जारी किया है। उन्होंने इस महामारी से बचाव के लिए फिलहाल डिजिटल लेन-देन करने की अपील है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस देश के लिए हर तरह से बड़ा संकट है और बचाव ही एकमात्र उपाय है।RBI गवर्नर ने कहा कि डिजिटल लेन-देन करें और सुरक्षित रहें। एक तरह से उन्होंने देश के लोगों को करेंसी में लेन-देन कम करने अपील की है। इसके लिए डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और मोबाइल ऐप के जरिये ट्रांजैक्शन की सलाह दी गई है।

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कोरोना से पोल्ट्री कारोबार तबाह, नहीं मिल रहा मुर्गों को दाना

कोरोना के कहर से पोल्ट्री कारोबारियों को उबरना मुश्किल हो गया है। पहले चिकन से कोरोना फैलने के अफवाह के कारण पोल्ट्री कारोबार तबाह हो गया और अब लॉकडाउन के कारण पैदा हुई परिवहन की समस्या से चिकन की बिक्री ठप्प पड़ गई है। पोल्ट्री कारोबार से जुड़े लोग बताते हैं कि उनके सामने अब मुर्गो के लिए दाना जुटाने की चुनौती आ खड़ी हुई है। हरियाणा के एक पॉल्ट्री कारोबारी ने बताया कि एक तो पोल्ट्री फीड नहीं मिल रहा है, दूसरी सबसे बड़ी समस्या है आवाजाही का साधन न मिलना, जिस कारण वे बाजार में चिकन भेज नहीं पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रास्ते में पुलिस रोकती देती है, इसलिए कोई गाड़ी वाला रोड पर निकलने को तैयार नहीं है।

जानकार बताते हैं कि हरियाणा ही नहीं, मध्यप्रदेश, राजस्थान और दिल्ली समेत अन्य सभी राज्यों में भी सब्जी, फल, अंडे, अनाज समेत सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुगम बनाने की दिशा में सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। मगर, परिवहन की सुविधा नहीं होने से इन वस्तुओं की सप्लाई चेन प्रभावित हुई है।

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कोरोना के कहर उबरने की उम्मीद में बाजार

पूरी दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण मिल रही आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत समेत दुनिया के अनेक देशों की सरकारों और केंद्रीय बैंकों ने आर्थिक मोर्चे पर राहत के कदम उठाए हैं। ऐसे में बाजार को कोरोना के कहर से उबरने की उम्मीद बनी रहेगी, हालांकि भारतीय शेयर बाजार की चाल विदेशी संकेतों और प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से ही तय होगी। जानकार बताते हैं कि कोरोना के कहर के चलते लगातार बीते छह सप्ताह की गिरावट के बाद घरेलू शेयर बाजार में इस सप्ताह सुधार की उम्मीद की जा रही है, हालांकि कोरोनावायरस के प्रकोप से मिल रही वैश्विक आर्थिक मंदी की आहट के कारण निवेशक फिलहाल सावधानी बरतने की कोशिश करेंगे।

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घबराएं नहीं, देश में भरपूर है रसोई गैस का स्टॉक, पैनिक LPG बुकिंग से बचें

कोरोना वायरस की वजह से कुछ लोग खाने-पीने की चीजें घर में स्टोर कर रहे हैं, जिसे लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं है, खाने-पीने की चीजें मिलती रहेंगी। लेकिन अब खबर है कि खाने-पीने की चीजों के साथ-साथ लोग पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की सिलेंडर घर में जमा कर रहे हैं। आईओसी के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि देश में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी के पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि भारत में कोई ईंधन संकट नहीं है। लॉकडाउन की अवधि से ज्यादा के स्टॉक हैं, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से पेट्रोल-डीजल के पंप बंद नहीं हैं और रसोई गैस की सप्लाई भी की जा रही है। लॉकडाउन के दौरान रसोई गैस की कोई किल्लत नहीं है। इसलिए लोग जरूरत से ज्यादा की बुकिंग ना करें।

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कोरोना: Ola ने ड्राइवर्स के लिए बनाया फंड, मारुति तैयार करेगी मास्क-वेंटिलेटर

कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए देश की कई बड़ी कंपनियां आगे आई हैं। इसी के तहत ऐप आधारित कैब सुविधा देने वाली कंपनी ओला के फाउंडर ने अपने ड्राइवर्स के लिए खास फंड का ऐलान किया है। ओला के को-फाउंडर भाविश अग्रवाल ने कहा, 'लॉकडाउन में लाखों ड्राइवर्स और उनके परिजनों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। उनकी मदद के लिए हम 'ड्राइव द ड्राइवर' फंड शुरू कर रहे हैं। मैं इस फंड में अपनी अगले साल की सैलरी दे रहा हूं। वहीं ओला की ओर से इस फंड में 20 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।' बता दें कि देशव्यापी लॉकडाउन में ओला की सर्विस ठप है।

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अपने प्लांट में वेंटिलेटर, मास्क और पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट यानी पीपीई का निर्माण शुरू करने वाली है। जानकारी के मुताबिक AgVa हेल्थकेयर के साथ प्रति माह 10,000 वेंटिलेटर का निर्माण करने योजना है।

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