कोरोना से लड़ने एक और बड़े पैकेज की घोषणा जल्द
कोरोना प्रकोप से देश मांग एवं आपूर्ति जैसे मुद्दों से जूझ रहा है। यह समस्या दूर करने के लिए सरकार एक और बड़े पैकेज की घोषणा कर सकती है। मगर इसकी रूपरेखा तैयार करने और घोषणा किए जाने का समय तय नहीं हुआ है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि अगला आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पिछले महीने घोषित की गई 1,70,000 करोड़ रुपये की योजनाओं से बड़ा होगा, जो गरीबों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने और कोविड-19 से लड़ने के लिए उनके हाथों में धन प्रदान करने पर केंद्रित है।
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सरकार कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन अवधि बढ़ाए : सीएआईटी
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने केंद्र सरकार से कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने का आग्रह किया है। सीएआईटी ने कहा कि उसने सभी राज्यों के वरिष्ठ व्यापार नेताओं के साथ किए गए सर्वेक्षण के आधार पर यह सिफारिश की।
कॉन्फेडरेशन ने एक बयान में कहा, "हालांकि व्यापारियों को कई व्यापारिक, आर्थिक और वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा होगा, फिर भी देश के हित में, राष्ट्र के लिए सर्वश्रेष्ठ सेवा देने के लिए व्यापारी अच्छी तरह से तैयार हैं।" बयान में आगे कहा गया, "हालांकि, जो भी निर्णय सरकार लेगी, देश भर का व्यापारिक समुदाय उसे मानेगा।"
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इंडिगो की सभी इंटरनेशनल फ्लाइट 30 अप्रैल तक रद्द, वॉलेट में मिलेगा रिफंड
दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए इंडिगो एयरलाइंस ने अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइटों को 30 अप्रैल तक के लिए कैंसिल कर दिया है। एयरलाइंस की ओर से जानकारी दी गई है कि जिन यात्रियों ने 30 अप्रैल तक की किसी इंटरनेशनल फ्लाइट में टिकट बुक करा रखी थी उनका पैसा credit shell के तौर सुरक्षित रखा गया है।
एयरलाइंस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अब जो यात्री इस दौरान सफर करने वाले थे। वो क्रेडिट शैल के जरिये अगले एक साल में किसी भी दिन की यात्रा के लिए टिकट बुक करा सकते हैं। यात्रियों ने जिस दिन टिकट बुक कराया था, तब से अगले एक साल तक का समय मिलेगा।
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कोरोना संकट का किफायती आवास उद्यम पर पड़ सकता है बुरा असर
कोरोनावायरस संकट और भारत में लागू लॉकडाउन देश के किफायती आवास उद्यम को बुरी तरह प्रभावित करेंगे। अनारोक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब 24 मार्च की मध्यरात्रि को 21 दिवसीय राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी तो सात प्रमुख शहरों में लगभग 6.1 लाख किफायती आवास इकाइयां निमार्णाधीन थीं, जहां का काम अब ठप पड़ा हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "कोविड-19 महामारी 2020 में किफायती आवास के विकास की गति को पटरी से उतारने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह सबसे बुरी तरह से प्रभावित क्षेत्रों में से एक होगा। लॉकडाउन की घोषणा होने पर शीर्ष सात शहरों में 6.1 लाख सस्ती इकाइयां निमार्णाधीन थीं। यह शीर्ष सात शहरों में कुल 15.62 लाख निर्माणाधीन इकाइयों का 39 प्रतिशत से अधिक है, जो कि सभी बजट श्रेणियों का उच्चतम हिस्सा है।"
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कोरोना संकट का असर मारुति पर भी, मार्च में 32% कम हुआ प्रोडक्शन
कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से देश की ऑटो इंडस्ट्री पस्त नजर आ रही है। इसका असर मारुति सुजुकी के उत्पादन पर भी पड़ा है। मारुति सुजुकी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया है कि मार्च महीने में कंपनी का उत्पादन 32 फीसदी कम रहा।
कंपनी ने इस साल मार्च में 92,540 वाहनों का जबकि इसी अवधि में साल भर पहले 1,36,201 वाहनों का उत्पादन किया था। इस दौरान यात्री वाहनों का उत्पादन साल भर पहले की 1,35,236 इकाइयों की तुलना में 32.26 प्रतिशत कम होकर 91,602 इकाइयों पर आ गया। मारुति की मिनी और कॉम्पैक्ट कैटेगरी की ऑल्टो, एस-प्रेसो, वैगनआर, सेलेरियो, इग्निस, स्विफ्ट, बलेनो और डिजायर जैसी कारों के उत्पादन में भी करीब 32 फीसदी की कमी आई है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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