अर्थतंत्र

अर्थ जगत की 5 बड़ी खबरें: लगभग 1.75 करोड़ छोटे कारोबार बंद होने के कगार पर और 1000 रुपये प्रति क्विंटल महंगा हुआ चना

केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से कोविड-19 से राहत पाने के लिए कोई समर्थन पैकेज न मिलने के कारण देश भर में लगभग 25 फीसदी छोटे कारोबारियों की लगभग 1.75 करोड़ दुकानें बंद होने के कगार पर हैं। चना 1000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से महंगा हो गया है

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फोटो: सोशल मीडिया प्रतीकात्मक तस्वीर

सीमा पर तनाव, कोरोना के कहर बीच फेड के फैसले पर रहेगी बाजार की नजर

सीमा पर तनाव और कोरोना के कहर के बीच अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व समेत जापान और इंग्लैंड के केंद्रीय बैंकों की बैठकों पर इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार की नजर होगी। वहीं, सप्ताह के दौरान जारी होने वाले आर्थिक आंकड़ों और मानसून की प्रगति के साथ-साथ डॉलर के मुकाबले देसी करेंसी रुपये की चाल से बाजार को दिशा मिलेगी। खासतौर से सप्ताह के दौरान जारी होने वाले अगस्त महीने की महंगाई के आंकड़ों से बाजार को दिशा मिलेगी, क्योंकि महंगाई दर के आंकड़ों से ही प्रमुख ब्याज दर में कटौती को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक फैसला लेगा।

उधर, भारत-चीन सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। तनाव दूर करने की दिशा में दोनों देशों की ओर से होने वाली पहल पर बाजार की नजर बनी रहेगी।

भारत समेत दुनियाभर में कोरोना का कहर थम नहीं रहा है। देश में कोरोना संक्रमण के मामले 47 लाख के पार चले गए हैं। भारत में रविवार को 94,372 नए मामलों के साथ कोरोना संक्रमण के कुल मामले 47 लाख के पार हो गए।

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लगभग 1.75 करोड़ छोटे कारोबार बंद होने के कगार पर : कैट

भारत का घरेलू व्यापार कोविड-19 के कारण सदी के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। देश की अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से कोविड-19 से राहत पाने के लिए कोई समर्थन पैकेज न मिलने के कारण देश भर में लगभग 25 फीसदी छोटे कारोबारियों की लगभग 1.75 करोड़ दुकानें बंद होने के कगार पर हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे विनाशकारी होगा। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि कोरोना ने भारतीय घरेलू व्यापार का खून चूस लिया है, जो वर्तमान में अपने अस्तित्व के लिए कड़ा संघर्ष कर रहा है और हर प्रकार के कई हमले झेल रहा है। कोविड-19 से पहले के समय से देश का घरेलू व्यापार बाजार बड़े वित्तीय संकट से गुजर रहा और कोविड-19 के बाद के समय में व्यापार को असामान्य और उच्च स्तर के वित्तीय दबाव में ला दिया है।

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एंड्रॉयड टीवी पर सीमित फीचर्स के साथ आया गूगल डुओ


वीडियो कॉलिंग ऐप गूगल डुओ को इसके आने के चार साल बाद एंड्रॉयड टीवी पर उपलब्ध कराया जा रहा है। गूगल ने इस हफ्ते यह कहते हुए ऐप के आने पर बात की कि इसे एंड्रॉयड टीवी के लिए बीटा में उपलब्ध कराया जाएगा।

9 टू 5 गूगल की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लिए अपने फोन या कंप्यूटर से गूगल प्ले स्टोर में जाकर ऐप को टीवी पर इंस्टॉल किया जा सकेगा या फिर एंड्रॉयड टीवी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध गूगल मार्केटप्लेस के माध्यम से भी इसे सीधे तौर पर इंस्टॉल किया जा सकता है।

हालांकि, ऐसा नहीं है कि इसे इंस्टॉल कर लेने के बाद ही इसका उपयोग किया जा सकेगा।

डुओ को होम स्क्रीन या ऐप ट्रे में शामिल किया जा सकेगा। इसे केवल सेटिंग ऐप या साइडलोड लॉन्चर के इस्तेमाल से ही ओपन किया जा सकता है।

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डेढ़ महीने में 1000 रुपये प्रति क्विंटल महंगा हुआ चना, जानिए तेजी की 5 वजहें

दलहनों में सबसे सस्ता चना आम उपभोक्ताओं के आहार में प्रोटीन का मुख्य जरिया होता है, लेकिन स्टॉक की कमी के अनुमान और त्योहारी सीजन में दाल व बेसन की बढ़ती मांग से चने के दाम में जोरदार उछाल आया है। बीते महीने से चने में शुरू हुई तेजी का सिलसिला लगातार जारी है। इस दौरान चना 1000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से महंगा हो गया है और जल्द ही चने का भाव 5,500 रुपये प्रति क्विंटल तक जाने की संभावना जताई जा रही है।

कारोबारियों ने बीते रबी सीजन में चने के उत्पादन के सरकारी अनुमान पर संदेह जाहिर किया है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से मई महीने में जारी फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के तीसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान में देश में 109 लाख टन चना उत्पादन का आकलन किया गया था। आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया कि व्यापारिक अनुमान के अनुसार, देश में बीते फसल वर्ष में चना का उत्पादन 85 लाख टन से ज्यादा नहीं है।

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बिल गेट्स को नहीं है 'इलेक्ट्रिक ट्रक' की समझ : एलन मस्क


तकनीकि क्षेत्र के दिग्गज बिल गेट्स ने कुछ वक्त पहले टेस्ला के इलेक्ट्रिक ट्रक के बारे में कहा था कि ये ज्यादा लंबी दूरी तय करने के मामले में सक्षम नहीं हैं और अब इसी को लेकर टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने गेट्स पर निशाना साधा है। ट्विटर पर एक फॉलोअर ने मस्क से जब इलेक्ट्रिक ट्रक की व्यवहारिकता को लेकर गेट्स के दिए राय पर उनकी प्रतिक्रिया को लेकर सवाल पूछा, तो मस्क ने इस पर अपना जवाब देते हुए कहा, "उन्हें इसकी कोई समझ नहीं है।"

अगस्त के महीने में गेट्स ने अपने ब्लॉग पोस्ट पर जिक्र किया था कि इन इलेक्ट्रिक वाहनों में यह दिक्कत है कि इनकी बैटरी काफी बड़ी और भारी होती है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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