अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिका में अपने निवेशकों को धोखा देने के आरोप लगे हैं। अडानी पर अमेरिका में अपनी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए 265 मिलियन डॉलर या करीब 2236 करोड़ रुपये की रिश्वत देने और इसे छिपाने का आरोप लगा है। यह पूरा मामला अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा है।
अमेरिका में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन इस मामले में गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारियों समेत एक अन्य फर्म एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सिरिल काबेनेस के खिलाफ भी आरोप लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर के साथ ही सात अन्य प्रतिवादियों ने अपनी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने और भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को करीब 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी।
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अधिकारियों को ये रिश्वत 2020 से 2024 के बीच दिए जाने का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला अरबों डॉलर के मुनाफे से जुड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, अभियोजकों द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार, इस कॉन्ट्रेक्ट के जरिए अडानी ग्रुप को 20 सालों में करीब दो अरब डॉलर से ज्यादा का फायदा होने की उम्मीद थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, आरोप यह भी लगा है कि इस मुनाफे के लिए अमेरिका समेत अन्य देशों के निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला गया। अभियोजकों द्वारा किए गए दावे के अनुसार, अडानी ग्रीन एनर्जी के एक अन्य कार्यकारी, पूर्व सीईओ विनीत जैन ने कर्जदाताओं और इन्वेस्टर्स से अपने भ्रष्टाचार को छिपाकर 3 अरब डॉलर से ज्यादा का लोन और बांड जुटाए थे। विनीत जैन साल 2020 से साल 2023 तक कंपनी के CEO थे।
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