भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज नई मौद्रिक नीति की घोषणा कर दी है। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने तीन दिन के विचार-विमर्श के बाद एमपीसी के फैसले की घोषणा करते हुए गुरुवार को कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 फीसदी पर रखने का फैसला किया है। दास ने कहा कि एमपीसी की बैठक छह, सात और आठ जून को हुई थी।
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बता दें कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक हर दो महीने में एक बार होती है। आखिरी बार अप्रैल में हुई बैठक के बाद आरबीआई ने रेपो रेट में कोई भी बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया था। आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि देश की इकोनॉमी में जारी रिकवरी को बरकरार रखने के लिए यह फैसला लिया गया है।
आरबीआई की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी का असर आपके लोन की ईएमआई पर पड़ता है। बैंक की ब्याज दरें प्रभावित होती है और इसका असर आपके होम लोनस कार लोन, पर्सनल लोन की ईएमआई पर पड़ता है।
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बता दें कि इसी साल फरवरी में हुई एमपीसी की बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट (bps) की वृद्धि की थी। इससे पहले आरबीआई ने दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की थी। मई 2022 से फरवरी 2023 तक आरबीआई ने रेपो रेट में 250 बेसिस प्वाइंट यानी 2.5 प्रतिशत की वृद्धि की है।
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