यस बैंक को बचाने की कोशिशें जारी है। आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें यस बैंक के रीस्ट्रक्चरिंग की मंजूरी मिल गई है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कैबिनेट ने आज यस बैंक के रीस्ट्रक्चरिंग को मंजूरी दे दी है। भारतीय स्टेट बैंक, यस बैंक की 49 प्रतिशत इक्विटी में निवेश करेगा, अन्य निवेशकों को भी निवेश के लिए कहा जा रहा है।
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सरकार ने वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए यस बैंक पर एक महीने के मोराटोरियम का ऐलान किया था, जिसके बाद आरबीआई ने यस बैंक का रीकंस्ट्रक्शन प्लान पेश किया था। वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने जो भी फैसले लिए हैं वह यस बैंक के खाताधारकों के हित में किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जल्दी ही यस बैंक के रिकंस्ट्रक्शन की इस स्कीम का ऐलान किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि स्कीम का ऐलान होने के तीन दिनों के अंदर यस बैंक का मोराटोरियम समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही सभी पाबंदियों को वापस ले लिया जाएगा। यही नहीं उन्होंने बताया कि यस बैंक के पुनर्गठन की अधिसूचना जारी होने के अगले 7 दिनों के अंदर नए बोर्ड का गठन होगा, जिसमें एसबीआई के दो डायरेक्टर भी शामिल होंगे।
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उन्होंने कहा कि, SBI तीन साल तक यस बैंक में कम से कम 26 फीसदी हिस्सेदारी रखेगा। यस बैंक ऑथराइज्ड कैपिटल 1100 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 6200 करोड़ रुपए कर दिया है। एसबीआई यस बैंक में 49 फीसदी हिस्सेदारी लेगा। एसबीआई के लिए यस बैंक में 26 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी के लिये तीन साल की बंधक अवधि होगी। इसी प्रकार अन्य निवेशकों के मामले में 75 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी के लिये भी इतने ही समय की बंधक अवधि होगी।
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बता दें कि यस बैंक को उबारने की अगुवाई देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई कर रहा है। इसके अलावा एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और कोटक महिंद्रा बैंक भी यस बैंक में निवेश करने वाले हैं। एसबीआई की ओर से केंद्रीय बैंक को भेजे गए प्लान के मुताबिक वह यस बैंक में 7,250 करोड़ रुपये निवेश करेगा। इसके अलावा बाकी तीन बैंक 1-1 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेंगे। यही नहीं इस प्लान में देश के दिग्गज रिटेलर राधाकिशन दमानी और अजीम प्रेमजी ट्रस्ट भी जुड़े हैं। दोनों की ओर से 500 करोड़ रुपये की रकम डाली जाएगी। आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड की मीटिंग में भी 1,000 करोड़ रुपये के निवेश के प्लान को मंजूरी दे दी गई है।
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गौरतलब है कि बीते दिनों यस बैंक पर आरबीआई ने नियंत्रण स्थापित कर लिया था। कभी देश के 5वें नंबर के सबसे बड़े बैंक रहे यस बैंक के ग्राहकों पर महीने में 50,000 रुपये से ज्यादा की निकासी पर भी रोक लगा दी गई थी।
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