रिलायंस इंडस्ट्रीज के स्वामित्व वाली रिलायंस जियो इंफोकॉम ने, 45 हजार करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन और इससे जुड़ी दूसरी कंपनियों के सारे एसेट्स खरीदने का फैसला किया है। इस बारे में दोनों कंपनियों के बीच एक निश्चित समझौते पर दस्तखत हो गए हैं और मार्च 2018 तक सारी औपचारिकताएं पूरी मुकेश अंबानी की कंपनी इस कंपनी का कब्जा ले लेगी।
हालांकि, अभी यह खुलासा नहीं किया गया है कि सौदा कितने में हुआ है, यानी जियो इंफोकॉम इसके लिए अनिल अंबानी को कितना पैसा चुकाएगी, लेकिन जानकार और विशेषज्ञ इसे 25 हजार करोड़ का सौदा बता रहे हैं।
अनिल अंबानी ने इसी सप्ताह ऐलान किया था कि वे रिलायंस इंफोकॉम पर चढ़े 45 हजार करोड़ के कर्ज में से 25 हजार करोड़ रुपए जल्द ही चुका देंगे। कहा जा रहा है कि उन्होंने संभवत: जियो के साथ अपने समझौते को अंतिम रूप देने के बाद ही ऐसी घोषणा की होगी। वैसे रिलायंस इंफोकॉम ने इस बारे में बोलियां आमंत्रित की थीं, और कहा जाता है कि इस कंपनी की एसेट्स के लिए जियो ने सबसे बड़ी बोली लगाई थी।
गुरुवार को रिलायंस इंफोकॉम ने एक बयान जारी कर कहा कि, "वायरलेस स्पेक्ट्रम, टावर, फाइबर और मीडिया कन्वर्जेंस नोड (एमसीएन) एसेट्स की बिक्री के लिए रिलायंस जियो इन्फोकॉम (आर जियो) के साथ एक समझौता किया गया है। अपनी वैल्युएबल एसेट्स के लिए कॉम्पीटिटिव प्रोसेस को आगे बढ़ाने के लिए एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड के साथ मिलकर काम कर रही है।"
Published: 29 Dec 2017, 7:27 AM IST
बयान में कहा गया, "ये परिसंपत्तियां रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है, जो आरजेआईएल की वायरलेस और फाइबर टू होम व एंटरप्राइस सेवाओं में महत्वपूर्ण योगदान करेंगी।"
बयान से साफ है कि समझौते के तहत, जियो या उसके द्वारा अधिकृत या नामांकित कोई भी कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन और उसकी सहयोगी कंपनियों की चार श्रेणियों की परिसंपत्तियों का अधिग्रहण करेगी। इनमें टॉवर्स, ऑप्टिक फाइबर केबल नेटवर्क, स्पेक्ट्रम और मीडिया कनवर्जेस नोड्स शामिल हैं।
इस सौदे के बाद रिलायंस जियो इंफोकॉम को अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेश के 800, 900, 1800 और 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड में 122.4 मेगाहर्ट्ज 4जी स्पेक्ट्रम मिलेगा। साथ ही उसका टॉवर बिजनेस भी मिल जाएगा। रिलायंस कम्यूनिकेशन के पास 43 हजार टावर हैं। ये कंपनी देश की टॉप 3 इंडिपेंडेंट टावर होल्डिंग्स में शामिल है। इसके साथ ही कंपनी का फाइबर बिजनेस, जिसमें 248 मीडिया कन्वर्जेंस नोड्स भी मिल जाएंगे, जिन्हें टेलिकाम इन्फ्रास्ट्रक्चर की होस्टिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
आर कॉम के मुताबिक, कंपनी के एसेट्स के वैल्युएशन के लिए एक कमेटी बनाई गई थी। इसी के तहत बोली मंगाई गईं। सबसे ऊंची बोली रिलायंस जियो ने लगाई। कंपनी के मुताबिक इस सौदे सो जो भी पैसा मिलेगा उससे कर्ज चुकाएगा जाएगा, जिसमें डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम (डॉट) से स्पेक्ट्रम की किस्त का भुगतान भी शामिल है।
इस सौदे के लिए रिलायंस जियो को गोल्डमैन सैक्स, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स, जेएम फाइनेंशियल प्राइवेट लिमिटेड, डेविस पॉक, वार्डवेल एलएलपी, सिरील अमरचंद मंगलदास, खेतान
Published: 29 Dec 2017, 7:27 AM IST
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Published: 29 Dec 2017, 7:27 AM IST