मोदी सरकार द्वारा देश के जीडीपी ग्रोथ रेट को बढ़ाने के तमाम दावों के बीच देश और दुनिया की कई प्रतिष्ठित एजेंसियां लगातार भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान घटा रही हैं। गुरुवार को आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए प्रतिष्ठित क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान घटा दिया। गौरतलब है कि बीते दिनों देश के केंद्रीय बैंक- आरबीआई ने भी भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को कम कर दिया था।
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मूडीज द्वारा जारी ताजा रेटिंग में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी का ग्रोथ रेट अनुमान घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया गया है। इससे पहले मूडीज ने वर्तमान वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी में 6.2 फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया था। अब ताजा रिपोर्ट में मूडीज ने जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान में 0.4 फीसदी की कटौती कर दी है। हालांकि अगले वित्त वर्ष के लिए भारत के लिए राहत की भी खबर है। मूडीज ने 2020-2021 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
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भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में आई इस कमी के पीछे देश में जारी आर्थिक बदहाली को मुख्य वजह बताया गया है। अपनी रिपोर्ट में मूडीज ने कहा है कि जीडीपी के 8 फीसदी ग्रोथ रेट का अनुमान निवेश में भारी कमी, मांग में कटौती और आर्थिक दबाव से पैदा हुई आर्थिक सुस्ती की वजह से कमजोर पड़ गया। रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में उच्च बेरोजगारी दर और वित्तीय संस्थानों की आर्थिक बदहाली को भारत में छायी आर्थिक सुस्ती की वजह बताया है। मूडीज ने साफ कहा है कि अगर भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती जारी रहती है तो इसके गंभीर नतीजे होंगे।
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बता दें कि अभी बीते हफ्ते ही देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में भारत के ग्रोथ रेट का अनुमान घटा दिया था। आरबीआई के ताजा आकलन के अनुसार वित्तवर्ष 2019-2021 में देश की जीडीपी में 6.1 फीसदी की दर से ग्रोथ हो सकता है। इससे पहले के अपने आकलन में आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ रेट 6.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।
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