अर्थतंत्र

पैसों की कमी से बेहाल है मोदी सरकार, बजट से पहले फिर RBI से मांगा 10,000 करोड़ का लाभांश

चालू वित्त वर्ष में विभिन्न मदों के जरिये राजस्व वसूली के तय लक्ष्य से बहुत पीछे रह जाने की वजह से मोदी सरकार जबर्दस्त पैसों की कमी से जूझ रही है। इसीलिए इस खाई को पाटने के लिए सरकार ने एक बार फिर बजट से पहले आरबीआई से 10000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभांश मांगा है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

मोदी सरकार ने देश के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 10 हजार करोड़ रुपये के अंतरिम लाभांश की मांग की है। सरकार ने आरबीआई से इस रकम की मांग आम बजट से ठीक पहले की है। बताया जा रहा है कि सरकार चालू वित्तवर्ष 2019-20 के लिए पहले तय अपने राजस्व वसूली के लक्ष्य से काफी पीछे रह गई है और इसी अंतर को पाटने के लिए सरकार आरबीआई से अंतरिम लाभांश की मांग कर रही है।

Published: 24 Jan 2020, 4:30 PM IST

हालांकि, खबर है कि सरकार की मांग पर आरबीआई ने अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया है। माना जा रहा है कि 15 फरवरी को नई दिल्ली में होने वाली आरबीआई की केंद्रीय बोर्ड की बैठक में इस मांग पर कोई फैसला हो सकता है। कहा जा रहा है कि विभिन्न टैक्स मदों के जरिये राजस्व वसूली के तय लक्ष्य से पीछे रहने और विनिवेश से प्राप्त होने वाली आय में भारी कमी की वजह से सरकार अपने खजाने में भारी कमी से जूझ रही है। और इसी बीच 1 फरवरी, 2020 को सरकार को बजट पेश करना है। और अब इसके लिए सरकार को आरबीआई के लाभांश का सहारा है।

Published: 24 Jan 2020, 4:30 PM IST

बता दें कि यह लगातार तीसरा साल है, जब सरकार ने आरबीआई से अंतरिम लाभांश की मांग की है। इससे पहले बीते साल फरवरी में आरबीआई ने सरकार की माग पर 28 हजार करोड़ रुपए का लाभांश दिया था। उससे ठीक पहले इसी वित्त वर्ष में आरबीआई ने सरकार को 40,000 करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश हस्तांतरित किया था। जिससे चालू वित्त वर्ष में सरकार को आरबीआई से कुल 68,000 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। सरकार द्वारा आरबीआई से लाभांश लेने की यह परिपाटी 2016-17 में शुरू हुई थी, जब आरबीआई ने सरकार को 10 हजार करोड़ रुपए का लाभांश दिया था।

Published: 24 Jan 2020, 4:30 PM IST

गौरतलब है कि बीते सालों में सरप्लस राशि को लेकर मोदी सरकार द्वारा लगातार आरबीआई पर दबाव बनाए जाने की खबरें आती रही हैं। इस मुद्दे को लेकर आरबीआई के कई वरिष्ठ अधिकारियों की नाराजगी की खबरें भी सामने आ चुकी हैं। आरबीआई गवर्नर रहे रघुराम राजन और उनके बाद उर्जित पटेल और अभी हाल ही में डिप्टी गवर्नर विमल आचार्या के कार्यकाल खत्म होने से पहले पद से इस्तीफा देने के पीछे के कारणों में ये भी एक वजह बताई जाती रही है।

Published: 24 Jan 2020, 4:30 PM IST

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Published: 24 Jan 2020, 4:30 PM IST