केंद्र की मोदी सरकार आम लोगों को एक के बाद एक झटके दे रही है। हाल ही में छोटी बचत पर ब्याज दरें घटाने के बाद अब 8 फीसदी ब्याज देने वाले सेविंग बांड को बंद करने का ऐलान कर दिया गया है। सरकार ने सोमवार को ऐलान किया कि भारत सरकार के सेविंग बांड्स 2003 की सदस्यता 2 जनवरी से बंद कर दी जाएगी। वित्त मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा, "भारत सरकार बचत (कर योग्य) बांड, 2003 मंगलवार (2 जनवरी, 2018) को बैंकिंग कारोबार की समाप्ति के साथ ही सदस्यता के लिए बंद हो जाएगा।"
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ये बांड उच्च ब्याज दर के कारण छोटी और फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में काफी लोकप्रिय हैं। इन बांड्स की अवधि 6 साल होती है तथा न्यूनतम निवेश 1,000 रुपए का किया जा सकता है, जबकि अधिकतम निवेश की सीमा नहीं है। इसमें छमाही आधार पर ब्याज प्राप्त करने का विकल्प है और ये केवल फिजिकल फार्म में ही उपलब्ध हैं तथा किसी स्टॉक एक्सचेंज पर ये सूचीबद्ध नहीं है तथा इनका कारोबार नहीं किया जा सकता है।
इन बांड्स पर मिलने वाले ब्याज पर मामूली कर लगता है। इसलिए ये बांड्स वरिष्ठ नागरिकों और पेंशन पर निर्भर लोगों के बीच तय आय के कारण काफी लोकप्रिय थे।
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