कांग्रेस पार्टी ने बैंकों का एनपीए (Non Performing Assets ) बढ़ने पर मोदी सरकार पर हमला बोला है। दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रिनेत ने कहा कि बैंकिंग में जब लोन दिए जाते हैं, तो कुछ लोन स्ट्रेस्ड असेट्स बन जाते हैं।
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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कई नए सेक्टर है जहां एनपीए बनने लगे हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई, कमर्शियल व्हीकल, एक्सपोर्ट्स, टेलिकॉम और रियल स्टेट जैसे नए सेक्टर में भी एनपीए बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एनपीए से पहले की स्थिति है, आज की तारीख में कुल लोन का करीब 16 फीसदी हिस्सा स्ट्रेस्ड असेट्स बन चुका है, जो 16.88 लाख करोड़ रुपये है, यह दिसंबर 2019 के आंकड़े हैं, 2017 में ये 12 फीसदी था। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार आपको बताएगी की NPA 11.7% से हटकर 9.2% हो गए हैं। ये अच्छी सूचना होनी चाहिए थी। इसका मतलब अर्थव्यवस्था सम्भलनी चाहिए थी। मगर इसकी सच्चाई कुछ और है। उन्होंने कहा कि दरअसल बैंक बड़े पूंजीपतियों के कर्जे माफ कर रहे हैं।
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सुप्रिया श्रिनेत ने कहा कि इस देश का प्रत्येक व्यक्ति करदाता है, लगभग 8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने के बावजूद ये नहीं बताया गया कि ये कर्ज किसका माफ हुआ है? ये प्रश्न विचारणीय है, ये गोपनीयता क्यों?
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कांग्रेस ने मोदी सरकार के सामने तीन मांगे रखी हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हमारी बात सुनी जाएगी और इस पर ध्यान दिया जाएगा। कांग्रेस की पहली मांग, ‘जिनका कर्ज माफ हुआ है, उनके नाम सार्वजनिक किए जाएं।’ दूसरी ये कि, ‘लोन माफी की प्रक्रिया जांचने के लिए उच्चस्तरीय कमिटी के गठन हो।’ कांग्रेस की तीसरी मांग है कि, ‘उच्चस्तरीय कमिटी बैंकिंग सेक्टर की वित्तीय और व्यवहार्यता और क्षमता का आंकलन करे।’
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