कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के पूर्व एमडी जगदीश खट्टर पर धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। दरअसल जगदीश खट्टर पर पंजाब नेशनल बैंक से 110 करोड़ रुपए कर्ज लेकर वापस नहीं करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। बैंक ने खट्टर के खिलाफ सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद खट्टर और उनकी कंपनी पर केस दर्ज किया गया है।
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2007 में छोड़ी थी मारुति
जगदीश खट्टर ने 2007 में मारुति के प्रबंध निदेशक पद से इस्तीफा दिया था। उसके एक साल बाद उन्होंने कारनेशन की स्थापना की थी, जो कि गाड़ियों की सर्विस और पुरानी गाड़ियों के खरीदने-बेचने के कारोबार में है।
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सीबीआई ने जो मामला दर्ज किया है उसमें पीएनबी ने कहा है कि खट्टर और उनकी सहयोगी कंपनियों--खट्टर ऑटो इंडिया, कारनेशन रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड और कारनेशन इंश्योरेंस ब्रोकिंग ने 170 करोड़ रुपये के लोन का आवेदन किया था, जिसको बैंक ने अपनी मंजूरी दी थी। इसके बाद बैंक ने इन तीनों कंपनियों को 10 करोड़ रुपये का एक और लोन दिया था। हालांकि इसका भुगतान खट्टर और उनकी कंपनियों ने बैंक को नहीं किया।
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इसके अलावा बैंक द्वारा खरीदे गए सामान को भी खट्टर ने बैंक की मंजूरी के बिना बेच दिया, जो एक तरह से धोखाधड़ी है। इससे बैंक को काफी नुकसान हुआ है। बैंक की तरफ से किए गए फॉरेंसिक ऑडिट में पता चला है कि इन लोगों ने 6692.48 लाख की फिक्सड संपत्तिको मात्र 455.89 लाख रुपये में बेच दिया था। यह संपत्ति को बैंक के पास कंपनी ने गिरवी रखा था।
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इस धोखाधड़ी में बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ भी बैंक कार्रवाई करने जा रहा है। पीएनबी ने 17 अक्तूबर को सीबीआई के पास मामला दर्ज किया था।
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