आखिरकार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी माना ही लिया कि भारतीय अर्थव्यवस्था मुश्किल दौरे से गुजर रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि हम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था में कितनी सुस्ती है और यह किन वजह से हो रही है, इस पर चिंतन करने की जरूरत है।
Published: 11 Nov 2019, 3:15 PM IST
एक किताब का विमोचन के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसको पढ़ने के बाद लोगों को सही मायनें में पता चलेगा कि क्या कारण हैं, जिनसे ऐसा देखने को मिल रहा है। बता दें कि भारत की विकास दर छह साल के सबसे निचले स्तर पर जून में पहुंच गई थी। यह पांच फीसदी के स्तर पर रही।
Published: 11 Nov 2019, 3:15 PM IST
सीतारमण ने कहा कि यह पुस्तक ऐसे समय आई है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती से जुड़े सवाल पूछे जा रहे हैं, देश की अर्थव्यवस्था को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। वैश्विक और भारतीय इकोनॉमी जिन चुनौतियों से गुजर रही हैं, उनके सराहनीय समाधान पुस्तक में दिए गए हैं।
Published: 11 Nov 2019, 3:15 PM IST
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक समेत कई रेटिंग एजेंसियों ने भारत के विकास दर का अनुमान घटा दिया है। आरबीआई ने पिछले महीने (अक्टूबर में) मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए विकास दर का अनुमान 6.9 फीसदी से घटाकर के 6.1 फीसदी कर दिया था।
Published: 11 Nov 2019, 3:15 PM IST
वहीं वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की क्रेडिट रेटिंग आउटलुक नकारात्मक कर दिया। इसे साख को घटाने की दिशा में पहला कदम माना जाता है। मूडीज ने भले ही कहा कि सरकार आर्थिक कमजोरी का हल निकालने में आंशिक तौर पर कामयाब रही है, लेकिन आगे विकास दर नीचे रहने का जोखिम बढ़ गया है।
Published: 11 Nov 2019, 3:15 PM IST
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Published: 11 Nov 2019, 3:15 PM IST