देश की ऑटो इंडस्ट्री इन दिनों बुरे दौर से गुजर रही है। देश में पैसेंजर व्हीकल और कारों की बिक्री को लगातार झटका लग रहा है। बीते माह अप्रैल में अप्रैल में डॉमेस्टिक पैसेंजर व्हीकल सेल्स 17 फीसदी और कार बिक्री में लगभग 20 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई। हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश की सबसे ड़ी ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी को पिछले तीन महीनों में अपना प्रोडक्शन लगभग 39 फीसदी घटाना पड़ा। ऑटो इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि अगर ऐसे ही हालात रहें तो नौकरियों पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक देश में कारों की बिक्री के साथ-साथ टू-व्हीलर सेल्स में भी कमी दर्ज की जा रही है।
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ऑटोमोबाइल सेक्टर के जानकारों के मुताबिक पैसेंजर व्हीकल और कारों की बिक्री में आई इस बड़ी गिरावट की वजह एनबीएफसी में लिक्विडिटी की कमी, चुनावों के चलते कस्टमर्स की ओर से सेंटीमेंट कमजोर होना है। वहीं कंपनियों द्वारा उत्पादन में कटौती किए जाने पर जानकारों का कहना है कि कटौती की कई वजह हैं। इनमें से एक वजह त्योहारों के मौसम में तैयार किए गए स्टॉक का अभी भी मौजूद होना है। त्योहारों में बिक्री अच्छी नहीं रही, जिसकी वजह से उनका स्टॉक बिक नहीं पाया। मौजूदा समय ऑटो कंपनियों का इन्वेंटरी करेक्शन का टाइम है, इसलिए कंपनियां पुराना स्टॉक मौजूदा वक्त में निकाल रही हैं।
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जानकारों का कहना है कि अगर स्थिति ऐसी ही रही तो आगे चलकर इस सेक्टर में नौकरियों पर खतरा हो सकता है।
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बता दें कि देश में पैसेंजर व्हीकल यानी यात्री वाहन की बिक्री में अप्रैल महीने में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। यह अक्टूबर 2011 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक यात्री वाहनों की घरेलू बाजार में बिक्री अप्रैल 2019 में 17.07 फीसदी गिरकर 2,47,541 इकाई रही। इसका मतलब यह हुआ कि अप्रैल में सिर्फ 2 लाख 47 हजार के करीब ही यात्री वाहनों की बिक्री हुई है। इससे पहले अप्रैल 2018 में 2,98,504 यात्री वाहनों की बिक्री हुई थी।
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