करोड़ों के पीएमसी बैंक घोटाले के आरोपी वधावन परिवार के पास वे खूबसूरत मशीनें थीं जिनसे दुनिया कभी मुखातिब नहीं हुई होगी। परिवार के पास बेशकीमती रॉल्स रॉयस कारों की सबसे बड़ी फ्लीट से लेकर फॉल्कन 2000 जैसे अत्याधुनिक प्राइवेट जेट का मालिकाना अधिकार था।
अब, घोटाले की जारी जांच में खुलकर सामने आ रहा है कि वधावन परिवार ने अपना रियल एस्टेट का जो साम्राज्य खड़ा किया है, उसे बनाने में पंजाब एवं महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के दागी हो चुके चेयरमैन वरयाम सिंह की भी खास भूमिका रही है।
Published: 05 Oct 2019, 3:33 PM IST
शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई पुलिस से बैंक घोटाले के विवरण हासिल किए। हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) के प्रमोटर राकेश वधावन और उनके बेटे सारंग (सनी) वधावन से कुछ संदिग्ध कंपनियों के बारे में पूछताछ की गई है। इसमें प्रिविलेज एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड, जिसके पास फ्रांसीसी कंपनी दसॉ द्वारा निर्मित डीए 200 फॉल्कन जेट थे, और ब्रॉडकास्ट इनीशिएटिव प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं जो वस्तुत: वरयाम सिंह द्वारा संचालित थी। वरयाम सिंह पीएमसी बैंक के विवादित प्रमुख हैं जिन्होंने 4335 करोड़ के कर्ज घपले में वधावन परिवार को उपकृत किया है।
Published: 05 Oct 2019, 3:33 PM IST
दस्तावेजों से पता चलता है कि प्रिविलेज एयरवेज की स्थापना 16 फरवरी 2006 को राकेश वधावन ने की थी और इसका खास लक्ष्य राजनेताओं और तमाम सेलिब्रिटी को उपकृत करना था।
वरयाम सिंह राजनेताओं और राकेश वधावन के बीच सेतु का काम करते थे। वह उसी फॉल्कन 2000 से अमूमन यात्रा करते थे। राकेश वधावन के स्वामित्व वाली प्रिविलेज पॉवर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के निदेशक वरयाम सिंह ने विभिन्न राज्य सरकारों और एचडीआईएल के बीच महाराष्ट्र में कई करोड़ की ऊर्जा परियोजनाओं के लिए संवाद कराया था।
Published: 05 Oct 2019, 3:33 PM IST
सूत्रों ने कहा कि प्रिविलेज पॉवर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के गठन के बाद, वधावन परिवार ने अपनी निगाहें एक सेटेलाइट न्यूज चैनल को शुरू करने पर लगा दीं जिसके जरिए दिल्ली में सत्ता के गलियारों में पहुंच बनाना मकसद था।
एचडीआईएल के लिए इस उद्देश्य को हासिल करने में वरयाम सिंह के अलावा उत्तर प्रदेश कॉडर के एक आईपीएस अफसर ने खास भूमिका निभाई।
Published: 05 Oct 2019, 3:33 PM IST
वधावन परिवार के स्वामित्व वाले चैनल के एक पूर्व संपादक ने बताया, "यह वरियाम सिंह थे जिन्होंने वधावन को ब्रॉडकॉस्ट इनीशिएटिव्स लिमिटेड सीएन के ग्रहण के लिए प्रेरित किया, एक ऐसी कंपनी जिसके पास बॉलीवुड प्रोड्यूसर अधिकारी बंधुओं द्वारा संचालित एक हिंदी (राष्ट्रीय) समाचार चैनल का स्वामित्व था। चैनल शुरू करने का एकमात्र लक्ष्य सत्ता में बैठे लोगों के साथ मेलजोल बढ़ाना था।"
संपादक स्तर के पूर्व टीवी पत्रकार ने कहा कि आखिरकार वरयाम सिंह ने लाइव इंडिया के राजनैतिक ब्यूरो के एक पत्रकार पर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात के लिए दबाव बनाया।
Published: 05 Oct 2019, 3:33 PM IST
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के रिकार्ड बताते हैं कि वरयाम सिंह को 27 सितम्बर 2010 को ब्रॉडकॉस्ट इनीशिएटिव्स लिमिटेड का निदेशक नियुक्त किया गया जो कंपनी नई दिल्ली के मंदिर मार्ग स्थित चैनल लाइव इंडिया को चलाती थी।
इससे पहले एक क्षेत्रीय चैनल मी-मराठी को मुंबई से रिलॉन्च किया गया जिसके लिए एक अलग से कंपनी मी-मराठी मीडिया लिमिटेड का गठन किया गया था। वधावन परिवार वरयाम सिंह को इस कंपनी में 13 मई 2010 को निदेशक के तौर पर लेकर आया।
Published: 05 Oct 2019, 3:33 PM IST
आईएएनएस के पास मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक, वरयाम सिंह के पास सितंबर 2017 तक एचडीआईएल में 1.9 फीसदी का हिस्सा था। दिसंबर 2005 में एचडीआईएल बोर्ड में बतौर निदेशक शामिल होने वाले वरयाम सिंह ने 2015 में बतौर चेयरमैन नियुक्त होने के लिए वधावन की कंपनी से इस्तीफा दे दिया।
Published: 05 Oct 2019, 3:33 PM IST
ऐसे में ताज्जुब की बात नहीं है कि HDIL और PMC Bank के बीच के संबंध की जांच कर रहे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सेंट्रल रजिस्ट्रार आफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (केंद्रीय कृषि मंत्रालय के तहत आने वाला विभाग) से इस मामले में वरयाम सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था।
आईएएनएस ने कृषि मंत्रालय में कोऑपरेटिव सोसाइटी के मामलों को देखने वाले संयुक्त सचिव से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन मंत्रालय द्वारा वरयाम सिंह के खिलाफ की गई किसी कार्रवाई के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी।
Published: 05 Oct 2019, 3:33 PM IST
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Published: 05 Oct 2019, 3:33 PM IST