अर्थतंत्र

अडानी-हिंडनबर्ग विवाद: सुप्रीम कोर्ट की चिंता पर वित्त मंत्री सीतारमण की आई प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा था कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के आने के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतों में गिरावट की वजह से भारतीय निवेशकों को कई लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के भंवर में घिरा अडानी समूह मुश्किलों से दो चार हो रहा है। इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी समूह के शेयर धराशाई हो गए। अडानी समूह के शेयरधारकों को बड़े स्तर पर नुकसान हुआ। इन सबके बीच उम्मीद जताई जा रही थी कि केंद्र की मोदी सरकार सामने आकर इस बारे में कोई संतोषजनक जवाब देगी। विपक्ष लगातार इसकी मांग करता रहा। विपक्ष अभी यह मांग कर रहा है कि सरकार इस पर जेपीसी का गठन करे। लेकिन केंद्र ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। अब अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रतिक्रिया दी है। हालांकि इस प्रक्रिया में भी उन्होंने कुछ खास बात नहीं की।

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सुप्रीम कोर्ट की चिंता पर सीतारमण ने क्या कहा?

अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत के नियामक बहुत अनुभवी हैं और वे अपने डोमेन के विशेषज्ञ हैं। नियामक इस मामले में काफी संजीदा हैं। इसलिए मैं इसे उन्हीं पर छोड़ देती हूं।

इससे पहले भी वित्त मंत्री ने निवेशकों की आशंकाओं पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने जोर देकर कहा था कि इस एक घटना का अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सीतारमण ने पहले कहा था कि एलआईसी और एसबीआई दोनों ने बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि अडानी के शेयरों में उनका एक्सपोजर अनुमत सीमा के भीतर था।

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अडानी-हिंडनबर्ग विवाद सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है?

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा था कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के आने के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतों में गिरावट की वजह से  भारतीय निवेशकों को कई लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को सुझाव दिया कि भविष्य में भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के लिए उपाय किए जा सकते हैं। सीजेआई ने टिप्पणी की, "ऐसा कहा जाता है कि भारतीय निवेशकों का कुल नुकसान कई लाख करोड़ रुपये है। हम कैसे सुनिश्चित करें कि वे सुरक्षित हैं। कहा जाता है कि यह 10 लाख करोड़ रुपये है। हम कैसे सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसा न हो। भविष्य में सेबी के लिए क्या भूमिका की परिकल्पना की जानी चाहिए।"

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार तक जवाब दाखिल करे के लिए कहा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया, जिसमें विस्तार से बताया गया है कि एक अधिक मजबूत तंत्र कैसे स्थापित किया जा सकता है। सेबी की ओर से पेश एसजी तुषार मेहता ने कहा कि इस मुद्दे का ट्रिगर पॉइंट भारत के अधिकार क्षेत्र से बाहर हुआ। इस पर सीजेआई ने कहा कि आज निर्बाध पूंजी प्रवाह है। आप कैसे सुनिश्चित करते हैं कि निवेशक सुरक्षित हैं। हर कोई अब निवेशक है, छोटा या बड़ा।"

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