आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, चौपट होते उद्योग-धंधों और मंहगाई के बीच भारतीय जनता के लिए एक और बुरी खबर है। एक ताजा अध्ययन के अनुसार पिछले पांच साल में भारतीय परिवारों का कर्ज दोगुना हो गया है और इस दौरान कुल देनदारी 58 फीसदी बढ़कर 7.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। इससे पहले साल 2017 में यह बढ़ोतरी महज 22 फीसदी रही थी। ये आंकड़े देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च विंग के अध्ययन में सामने आए हैं।
Published: 16 Sep 2019, 5:10 PM IST
इतना ही नहीं इन पांच सालों के दौरान भारतीय परिवारों का कर्ज दोगुना हो गया है, जबकि देश के घरेलु बचत में 4 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है और यह 34.6 फीसदी से गिरकर 30.5 फीसदी पर पहुंच गई। इस दौरान खर्च योग्य आमदनी (डिस्पोजेबल इनकम) महज डेढ़ गुना बढ़ी है। इसी का नतीजा है कि देश की कुल बचत में 4 फीसदी की बड़ी गिरावट आई।
घरेलु बचत में आई इस बड़ी गिरावट की वजह घरेलू स्तर पर बचत की दर में आई कमी को माना जा रहा है। पिछले पांच साल में देश के परिवारों की बचत तकरीबन छह फीसदी (जीडीपी) गिरी है। आंकड़ों को देखें तो वित्त वर्ष 2012 में जो घरेलू बचत दर 23.6 फीसदी पर थी वो 2018 में घटकर 17.2 फीसदी पर सिमट गई।
Published: 16 Sep 2019, 5:10 PM IST
घरेलु बचत में आई इस भारी गिरावट का असर देश की अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है। दूसरी ओर इस दौरान देश में निजी निवेश में भी भारी कमी आई है। साल 2007 से 2014 के दौरान जहां निजी निवेश 50 फीसदी था वह 2014 से 2019 के दौरान महज 30 फीसदी रहा।
Published: 16 Sep 2019, 5:10 PM IST
चारों ओर से आ रहे संकेत और अब ये ताजा आंकड़े साफ बताते हैं कि यह महज एक वित्तीय संकट नहीं है। इस हालात की जड़ें कहीं ज्यादा गहरी हैं और पिछले पांच साल में ये काफी गहराई तक पहुचं गई हैं। अब हालात बेहद चिंताजनक स्थिति पर पहुंच गए हैं। ऐसे में सरकार से कुछ सबको गंभीर राहत के कदम उठाने की उम्मीद है।
Published: 16 Sep 2019, 5:10 PM IST
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Published: 16 Sep 2019, 5:10 PM IST