सरकार द्वारा भाविश अग्रवाल के नेतृत्व वाली ओला इलेक्ट्रिक के उपभोक्ता शिकायत निवारण प्रोसेस को लेकर विस्तृत जांच का आदेश दिया है, लेकिन इसके ग्राहकों को कोई राहत नहीं मिली है। सोमवार को कई ग्राहकों ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर को लेकर असंतुष्टि व्यक्त की। भोपाल में ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर ग्राहक विपिन शर्मा ने कहा कि उन्होंने करीब डेढ़ साल पहले ओला एस1 प्रो ई-स्कूटर खरीदा था। स्कूटर चलते समय रुक जाता है और लगातार हैंग भी होता रहता है, जिसके कारण इसे दोबारा से शुरू करना पड़ता है। आगे कहा कि खरीदने के बाद अब तक मैं इसकी पांच बार सर्विस करा चुका हूं। शहर में काफी कम ओला सर्विस सेंटर हैं।
वाराणसी में वकील विशाल ने कहा कि ओला इलेक्ट्रिक की एस1 एयर मेरे पास है। गाड़ी को खरीदे एक साल भी नहीं हुआ है, लेकिन इसकी बैटरी तीन बार खराब हो चुकी है। इसमें सॉफ्टवेयर को लेकर काफी समस्याएं हैं। ये क्रैश हो जाते हैं, जिसके कारण गाड़ी हैंग हो जाती है। लोकल मैकेनिक इसे ठीक नहीं कर सकते हैं। इस कारण बार-बार सर्विस सेंटर पर आना पड़ता है। आगे कहा कि सर्विस सेंटर पर एक बार जाने के बाद कम से कम एक हफ्ते से लेकर एक महीन तक स्कूटर वहां खड़ा रहता है।
वाराणसी के ही बादल जयसवाल ने कहा कि पिछले साल मई में मैंने ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर को खरीदा था। गाड़ी में सॉफ्टवेयर और सर्विस को लेकर काफी सारी परेशानियां हैं। सॉफ्टवेयर क्रैश कर जाता है, जिससे गाड़ी हैंग हो जाती है। वहीं, पार्ट्स के लिए सर्विस सेंटर पर महीनों इंतजार करना पड़ता है और इसके पार्ट्स भी महंगे हैं। बेंगलुरु से सोहन ने कहा कि वह पिछले एक साल से ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर का उपयोग कर रहे हैं। यह ई-स्कूटर बीच रास्ते में कई भी रुक जाता है और कई बार स्क्रीन भी काली हो जाती है। इसकी क्वालिटी भी काफी खराब है।
गुरुग्राम के कुंवर पाल ने कहा कि मैंने जनवरी के आखिरी हफ्ते में ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर लिया है। चलते-चलते इसका पिछला टायर जाम हो गया था। अब सर्विस सेंटर पर आकर पता लगा है कि इसकी बैटरी खराब है और इसमें 30 हजार रुपये का खर्च आएगा। ईवी फर्म द्वारा केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) को लिखे पत्र में कहा गया कि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर इसकी सर्विस और अन्य समस्याओं को लेकर आई 10,644 शिकायतों में से 99.1 प्रतिशत का समाधान कर दिया गया है, लेकिन ग्राहकों की समस्याएं समाप्त नहीं हो रही हैं।
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भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट सोमवार को भी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 241 अंक के नुकसान में रहा। विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने के साथ सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली और अमेरिकी बाजारों से कमजोर रुख से बाजार में गिरावट आई। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स में लगातार चौथे सत्र में गिरावट रही और यह 241.30 अंक यानी 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,339.01 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय इसमें 615.25 अंक की गिरावट आई थी।
वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में लगातार सातवें दिन गिरावट रही और यह 78.90 अंक यानी 0.34 प्रतिशत टूटकर 23,453.80 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल तीस शेयरों में से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस, एनटीपीसी, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, सन फार्मा, इंडसइंड बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में टाटा स्टील, हिंदुस्तान यूनिलीवर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, नेस्ले और भारतीय स्टेट बैंक शामिल हैं। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 1,849.87 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। विदेशी निवेशक इस महीने अबतक शेयर बाजारों से 22,420 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। घरेलू बाजार में शेयरों का अधिक मूल्यांकन, चीन में शेयरों का सस्ता होना और अमेरिकी डॉलर के साथ सरकारी बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि के कारण निवेशक बाजार से पैसा निकाल रहे हैं।
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डॉलर के कमजोर होने के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर से उबर गया और छह पैसे की बढ़त के साथ 84.40 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में सुस्त धारणा के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बीच विदेशी कोषों की निरंतर निकासी से रुपये का लाभ सीमित रहा।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि डॉलर बनाम रुपया जोड़ी पर नीचे की ओर दबाव, मुख्य रूप से लगातार मुद्रास्फीति और विदेशी कोषों की निकासी के कारण ऐसा है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84.42 पर खुला। सत्र के दौरान स्थानीय मुद्रा ने 84.37 के उच्चस्तर को छुआ। अंत में यह डॉलर के मुकाबले 84.40 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से छह पैसे की तेजी है। गुरुवार को रुपया 7 पैसे की गिरावट के साथ अपने सर्वकालिक निचले स्तर 84.46 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। ‘गुरु नानक जयंती’ के अवसर पर शुक्रवार को विदेशी मुद्रा बाजार बंद था।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘रुपये को यह मामूली समर्थन हाल के दिनों में एफआईआई की बिकवाली गतिविधि में कमी से भी मिला, साथ ही उम्मीद है कि महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के कारण बिकवाली का दबाव सीमित रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘रुपये को 84.45-84.52 के दायरे में समर्थन मिलने की उम्मीद है, जबकि प्रतिरोध 84.25-84.30 के आसपास रहने का अनुमान है।’’
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वैश्विक बाजारों में मजबूती के रुख के साथ साथ आभूषण एवं फुटकर विक्रेताओं की चालू शादी-विवाह के मौसम के लिए लिवाली बढ़ने से सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में तेजी लौटी। स्थानीय बाजार में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना चार दिन की गिरावट के सिलसिले को तोड़ते हुए 400 रुपये बढ़कर 77,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। बृहस्पतिवार को सोना 77,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
चांदी भी 1,810 रुपये चढ़कर 92,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई, जबकि बृहस्पतिवार को इसका भाव 90,190 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ था। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 400 रुपये उछलकर 77,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह 76,650 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। कारोबारियों ने कहा कि आभूषण विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की शादी-ब्याह के मौसम की मांग के अलावा सोने के मजबूत वैश्विक रुख ने कीमती धातुओं की कीमतों पर असर डाला। शुक्रवार को ‘गुरु नानक जयंती’ के उपलक्ष्य में स्थानीय सर्राफा बाजार बंद थे।
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सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी ने अपने शेयरधारकों को अंतरिम लाभांश के रूप में 2,424 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। एनटीपीसी ने बयान में कहा कि कंपनी ने 18 नवंबर को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2,424 करोड़ रुपये का पहला अंतरिम लाभांश दिया, जो कंपनी की चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 25 प्रतिशत है।एनटीपीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह ने कंपनी के निदेशक मंडल के साथ मिलकर ‘‘सरकार के हिस्से के रूप में 1,238.84 करोड़ रुपये का भुगतान बिजली मंत्री मनोहर लाल, बिजली सचिव पंकज अग्रवाल को सौंपा।’’
एनटीपीसी के निदेशक मंडल ने 24 अक्टूबर को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 10 रुपये अंकित मूल्य वाले प्रत्येक शेयर पर 2.50 रुपये का पहला अंतरिम लाभांश मंजूर किया था। यह लगातार 32वां वर्ष है जब एनटीपीसी ने अपने शेयरधारकों को लाभांश वितरित किया है। एक अलग बयान में, एनटीपीसी ने कहा कि वह समुद्री जल से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए आंध्र प्रदेश के सिम्हाद्री में एक संयंत्र स्थापित कर रही है।
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