अर्थतंत्र

अर्थजगतः शेयर बाजार धड़ाम, निवेशकों के करीब 6 लाख करोड़ रुपये डूबे और रिलायंस का बाजार पूंजीकरण घटा

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के खतरनाक स्तर तक गिरने के कारण एयर प्यूरीफायर की मांग में जोरदार उछाल आया है। गुजरात सरकार ने चौथे राज्य वित्त आयोग का गठन कर दिया है और इसकी कमान बीजेपी के नेता यमल व्यास को सौंपी है।

शेयर बाजार धड़ाम, निवेशकों के करीब 6 लाख करोड़ रुपये डूबे
शेयर बाजार धड़ाम, निवेशकों के करीब 6 लाख करोड़ रुपये डूबे  फोटो: सोशल मीडिया

शेयर बाजार धड़ाम, सेंसेक्स 941 अंक गिरा, निवेशकों के करीब 6 लाख करोड़ रुपये डूबे

अमेरिकी चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चितता और फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति बैठक के बीच भारतीय शेयर बाजार सोमवार को लाल निशान में बंद हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत घोषणा 7 नवंबर को होगी। इस बीच सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही इंडेक्स में 2 प्रतिशत तक की भारी गिरावट देखने को मिली। हालांकि, कारोबार के अंत में बाजार में कुछ रिकवरी हुई। बीएसई का सेंसेक्स 941.88 अंक या 1.18 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ। वहीं, दूसरी ओर एनएसई का निफ्टी 309 अंक या 1.27 प्रतिशत गिरने के बाद 23,995.35 पर बंद हुआ। मिड और स्मॉल कैप इंडेक्स भी 2 प्रतिशत तक गिरे।

निफ्टी बैंक 458.65 अंक या 0.89 प्रतिशत गिरने के बाद 51,215.25 पर आ गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स कारोबार के अंत में 711.50 अंक या 1.26 प्रतिशत गिरने के बाद 55,784.55 पर बंद हुआ। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 370.25 अंक या 1.97 प्रतिशत चढ़ने के बाद 18,424.65 पर बंद हुआ। निफ्टी के रियलिटी, एनर्जी, मीडिया, इंफ्रा और कमोडिटीज सेक्टर में भारी बिकवाली रही। वहीं, ऑटो, फिन सर्विसेज, एफएमसीजी और मेटल सेक्टर भी 1 प्रतिशत की गिरावट के साथ लाल निशान पर रहे। बाजार का रुझान नकारात्मक रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,357 शेयर्स हरे, 2,705 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे। वहीं, 137 शेयर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं रहा।

सेंसेक्स पैक में रिलायंस, सन फार्मा, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, टाइटन, पावर ग्रिड, टाटा स्टील और भारती एयरटेल टॉप लूजर्स रहे। वहीं, एमएंडएम, टेक महिंद्रा, एसबीआई, एचसीएल टेक, इंफोसिस और इंडसइंड बैंक टॉप गेनर्स रहे। गिरावट के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का मार्केट कैप करीब 6 लाख करोड़ रुपये गिरकर 442 लाख करोड़ रुपये रह गया है।

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रिलायंस का शेयर 3 प्रतिशत टूटा, बाजार पूंजीकरण 50,205 करोड़ रुपये घटा

बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की अग्रणी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का शेयर सोमवार को भारी बिकवाली के बीच करीब तीन प्रतिशत तक लुढ़क गया। इस बिकवाली के असर में आरआईएल के मूल्यांकन में 50,205 करोड़ रुपये की बड़ी गिरावट आई। रिलायंस का शेयर बीएसई पर 2.77 प्रतिशत गिरकर 1,302 रुपये के भाव पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय इसका शेयर चार प्रतिशत तक लुढ़क गया था। एनएसई पर रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 2.72 प्रतिशत गिरावट के साथ 1,302.15 रुपये के भाव पर बंद हुआ।

इस बिकवाली की वजह से कंपनी के बाजार मूल्यांकन में 50,205.1 करोड़ रुपये की बड़ी गिरावट आ गई। इस तरह आरआईएल का कुल बाजार पूंजीकरण घटकर 17,61,914.95 करोड़ रुपये रह गया। कारोबार की मात्रा के लिहाज से बीएसई पर कंपनी के 13.52 लाख शेयरों और एनएसई पर 197.97 लाख शेयरों का कारोबार हुआ। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स रिलायंस और बैंकों के शेयरों में जबर्दस्त बिकवाली के असर में 941.88 अंक यानी 1.18 प्रतिशत गिरकर तीन माह के निचले स्तर 78,782.24 अंक पर बंद हुआ। एनएसई का सूचकांक निफ्टी भी 309 अंक यानी 1.27 प्रतिशत गिरकर 23,995.35 अंक पर बंद हुआ।

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दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता खराब होने से एयर प्यूरीफायर की बिक्री में 50 प्रतिशत का उछाल

वायु गुणवत्ता के खतरनाक स्तर तक गिरने के कारण एयर प्यूरीफायर की मांग में जोरदार उछाल आया है। विशेष रूप से दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की स्थिति काफी खराब हुई है। केंट आरओ सिस्टम्स, शाओमी और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया सहित अन्य कंपनियों ने कहा कि त्योहारी मौसम में एयर प्यूरीफायर की बिक्री में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है क्योंकि दिल्ली और आसपास के इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खतरनाक स्तर की ओर बढ़ गया है। पिछले साल की तरह उपकरण निर्माताओं ने पिछले 2-3 सप्ताह में एयर-प्यूरीफायर की बिक्री और पूछताछ में वृद्धि देखी है और आने वाले हफ्तों में एक्यूआई में वृद्धि के साथ इसमें और तेजी आने की उम्मीद है।

एयर प्यूरीफायर उपकरण बाजार का एक बहुत छोटा खंड है और इसकी बिक्री आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर में चरम पर होती है। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष- होम अप्लायंसेज संजय चितकारा ने कहा, ‘‘दिल्ली में प्रदूषण का सबसे खराब दौर चल रहा है, ऐसे में दिल्ली एनसीआर में एयर प्यूरीफायर की मांग अचानक बढ़ गई है।’’ केंट आरओ सिस्टम के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक महेश गुप्ता ने कहा कि भारत में सर्दियों के महीनों के दौरान एयर प्यूरीफायर और फ़िल्टर की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो हवा की गुणवत्ता में गिरावट के साथ मेल खाता है।

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6,970 करोड़ रुपये के 2000 के नोट अब भी जनता के पास

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि 2000 रुपये के 98.04 प्रतिशत बैंक नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए हैं और केवल 6,970 करोड़ रुपये के ऐसे नोट जनता के पास हैं। आरबीआई ने 19 मई, 2023 को 2000 रुपये के बैंक नोट को प्रचलन से वापस लेने की घोषणा की थी।

आरबीआई ने कहा कि 19 मई, 2023 को कारोबार बंद होने पर कुल 3.56 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2000 रुपये के बैंक नोट प्रचलन में थे। प्रचलन में शामिल नोटों का मूल्य 31 अक्टूबर, 2024 को कारोबार बंद होने पर 6,970 करोड़ रुपये रह गया था। बयान में कहा गया, ‘‘इस प्रकार 19 मई, 2023 तक प्रचलन में रहे 2000 रुपये के 98.04 प्रतिशत नोट वापस आ चुके हैं।’’ इन नोटों को जमा करने या बदलने की सुविधा सात अक्टूबर, 2023 तक सभी बैंक शाखाओं में उपलब्ध थी। यह सुविधा अब भी रिजर्व बैंक के 19 निर्गम कार्यालयों में उपलब्ध है।

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गुजरात में चौथे राज्य वित्त आयोग का गठन, बीजेपी नेता चेयरमैन नियुक्त

गुजरात सरकार ने चौथे राज्य वित्त आयोग (एसएफसी) का गठन कर दिया है और इसकी कमान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता यमल व्यास को सौंपी है। राज्य सरकार ने सोमवार को जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी दी। गुजरात का चौथा एसएफसी करीब नौ साल के अंतराल के बाद गठित किया गया है। भरत गरीवाला की अध्यक्षता में गठित तीसरे राज्य वित्त आयोग का कार्यकाल 2015 में समाप्त हो गया था। चौथे राज्य वित्त आयोग के चेयरमैन बनाए गए व्यास गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा के मुख्य प्रवक्ता हैं। वह पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं कंपनी सचिव हैं और उन्हें इस क्षेत्र में करीब चार दशक का अनुभव है।

वह 2011-2015 के बीच तीसरे एसएफसी के भी पूर्णकालिक सदस्य थे। उन्होंने विभिन्न राज्य सार्वजनिक उपक्रमों के निदेशक मंडल में भी स्वतंत्र निदेशक के रूप में काम किया है। गुजरात के मुख्य सचिव राज कुमार की तरफ से जारी अधिसूचना में यमलभाई व्यास की अगुवाई में चौथे राज्य वित्त आयोग के गठन की जानकारी दी गई। अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में गठित 16वें वित्त आयोग ने पिछले महीने गुजरात का दौरा किया था। उस समय राज्य सरकार ने ‘करों के विभाजन वाले खंड’ में राज्यों का हिस्सा 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किए जाने की मांग की थी। विपक्षी दल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय वित्त आयोग से मुलाकात में राज्य वित्त आयोग के गठन में विलंब का मुद्दा उठाया था। कांग्रेस ने कहा था कि गुजरात को अबतक सातवें राज्य वित्त आयोग की नियुक्ति कर देनी चाहिए।

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